🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹 शहर के चक्रधर नगर कसेरपारा में बुजुर्ग नगाइच दंपति की एक साथ हुई मौत को लेकर लोगों के मन में अनेक तरह के प्रश्न उठ रहे हैं एवं साथ ही उनकी संतानों के प्रति नफरत के भाव उत्पन्न हो रहे हैं. संतान इतनी भी बेदिल होती है कि अपने मां-बाप को वृद्धावस्था में बीमारी की हालत में अकेला भी छोड़ देते हैं. जिन बच्चों को बचपन से पाल-पोसकर बड़ा किये, उनकी गलतियों को नजर अंदाज किये, पढ़ाये,लिखाये, योग्य बनाएं, और जब बच्चे बड़े होकर केवल अपने फायदे के लिए अपने माता-पिता को अलग छोड़ देते हैं. इससे शर्मनाक बात और कुछ नहीं हो सकती.
मिली जानकारी के अनुसार चक्रधर नगर कसेर पारा के एक मकान में बुजुर्ग दंपति की बदबूदार लाश मिलने से आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई. बताया जा रहा है कि नगाइच दंपति बीमारी की हालत में अपने घर में अकेले रहते थे. वृद्ध महिला सरस्वती नगाइच (77) वर्ष अलमाइजर बीमारी की मरीज थी. जो बिस्तर के सहारे जिंदगी गुजर रही थी. वृद्ध पुरुष गोपाल नगाइच (78) वर्ष भी बीमार रहते थे और स्वयं की और पत्नी की देखभाल किया करते थे. उनका पुत्र उमाकांत नगाइच विदेश में नौकरी करने के बाद इन दिनों कोलकाता में नौकरी कर रहा है और वही अपने परिवार के साथ रहता है. उमाकांत की एक पुत्री 10 साल की है और एक पुत्री अभी 8 दिन पहले पैदा हुई है. मृतकों की बड़ी पुत्री भावना शर्मा ग्राम कुसमुर्रा में शिक्षिका है. जिसके द्वारा अतरमुड़ा क्षेत्र मे नया घर बनवाया गया है.इनके पति सुनील शर्मा शिक्षा विभाग में लिपिक है जो ग्राम महापल्ली में पदस्थ है. भावना के दो बालिग लड़कियां होना बताया जा रहा है. मृतकों की छोटी पुत्री की शादी दुर्ग में हुई है और वह दुर्ग में रहती है. जिसका एक पुत्र 21 वर्ष का होना बताया जा रहा है.
बदबू से खबर फैली
बताया जा रहा है कि मृतकों का पुत्र अपने माता-पिता से फोन पर रोज बात किया करता था किंतु तीन दिनों से कॉल रिसीव नहीं होने पर उसने अपने किसी परिचित को माता-पिता के घर जाकर मालूम करने को कहा. परिचित जब उनके घर पहुंचा तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था एवं मानव शरीर की दुर्गंध आ रही थी. जब आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को भी तो पुलिस ने आकर दरवाजा तोड़ा और भीतर दाखिल होने पर पाया कि महिला अपने बिस्तर पर मृत अवस्था में एवं गोपाल नगाइच फर्श पर मृत अवस्था में पड़ा था. दोनों के शरीर से भयंकर दुर्गंध आ रही थी. गोपाल नगाइच के सर के पास काफी मात्रा में खून पाया गया था.जब इस घटना की सूचना मृतकों के पुत्र को दी गई तो उसने बताया कि वह सड़क मार्ग से कोलकाता से रायगढ़ आ रहा है. इस बीच घटना स्थल पर पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल स्वयं पहुंचे थे साथ ही फॉरेंसिक की टीम, चक्रधर नगर थाने से पुलिसकर्मी भी पहुंच कर पंचनामा आदि कर शव विच्छेदन के लिए दोनों वृद्ध शरीर हो अस्पताल भिजवा दिए. शव विच्छेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों वृद्धों की शव यात्रा निकाल कर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिका है रहस्य
वृद्ध दंपति की मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होने के आसार हैं. लेकिन यहां पर प्रश्न खड़ा हो जाता है कि मृतकों के पुत्र के द्वारा किसी परिचित को फोन क्यों किया ? जबकि उसकी अपनी खुद की बहन और दामाद रायगढ़ में ही रहते है. अपने वृद्ध माता-पिता को अकेला छोड़ना क्या सही है ? पहले गोपाल की मृत्यु हुई या सरस्वती की हुई थी ? गोपाल की हुई थी तो उसकी पत्नी चिखी चिल्लाई क्यों नहीं ? वह उठने, बैठने, चलने, फिरने में लाचार थी. मगर चिल्लाने में तो लाचार नहीं थी. यदि सरस्वती की मृत्यु पहले हुई तो गोपाल ने घर से बाहर आकर हो हल्ला क्यों नहीं मचाया ? क्या दोनों के प्राण एक समय पर ही निकल गए थे ? ऐसा होना असंभव है.