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🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. रायगढ़ शहर में जिला कार्यालय कैंपस के भीतर रायगढ़ के पत्रकारों के द्वारा कदम पीछे खींच लेने की वजह से अप्रिय स्थिति निर्मित होते होते टल गई. मौके पर उपस्थित पुलिस ने भी पत्रकारों का पक्ष नहीं लिया.
हुआ यूं कि शहर के लगभग दो दर्जन पत्रकार अपनी दिनचर्या के अनुसार कलेक्ट्रेट परिसर में बने हनुमान मंदिर के पास बैठकर आने-जाने वालों पर निगाह जमाए हुए थे. पत्रकारों के द्वारा उक्त स्थल पर बैठकर पीड़ितों के द्वारा संबंधित विभागों को शिकायत या आवेदन देने से पूर्व मीडिया उनका कारण जान लेती है और समाचार वायरल कर देती है. संबंधित विभाग शिकायतों पर कार्रवाई करें ना करें या बाद का विषय है परंतु मामला मीडिया वाले जान लेते हैं.किन्हीं कारणों से ग्रामीण अडानी (महाजेनको) की शिकायत लेकर कलेक्टर के पास आए थे किंतु कलेक्टर से मिलने से पहले ही उपस्थिति मीडिया वालों ने ग्रामीणों की फोटो खींचनी शुरू कर दी और माइक आईडी पर सवाल जवाब करने लगे. जिसे देखकर संभवत अडानी के कर्मचारियों को मीडिया वालों की उक्त हरकत रास नहीं आई और वे पत्रकारों के साथ हुज्जतबाजी करने उतारू हो गए. मामला हुज्जतबाजी से गाली गुफ्तार एवं आरोप प्रत्यारोप तक जा पहुंचा. मीडिया वालों का कहना है कि अडानी के लोगों ने पत्रकारों को गुंडा,ब्लैकमेलर,उगाहीबाज, वसूलीबाज,अपराधीतत्व कह दिया. इसके बाद माहौल गर्मा गया और हाथापाई होने की नौबत आ गई थी. मौके पर उपस्थित पुलिस ने किसी तरह से मामला शांत करवाया. इसके बाद पत्रकारों के द्वारा चक्रधर नगर थाना पहुंचकर मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई. पत्रकारों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनके साथ न्याय नहीं होगा तो वे आंदोलन करने पर बाध्य हो जाएंगे. अब देखना यह है पत्रकार वर्सेस अडानी ग्रुप के कर्मचारियों का विवाद क्या रंग लाता है.


सैकड़ो पत्रकार होने के बावजूद दर्जन भर संख्या देखकर अडानी के साथ अन्य उद्योग वाले की गदगद हो रहे होंगे. शिकायत आवेदन में कितने नाम और हस्ताक्षर है उतने लोग भी थाने में उपस्थित नहीं हुए. अब देखना लाजमी होगा कि मीडिया वाले क्या कदम उठाते हैं.