रायगढ़——- पिछले दिनों 9 तारीख को 8 वर्षीय खुशी की मौत हो गई थी। वह अपने मामा के घर कृष्णापुर (भरतपुर) में रहती थी। खुशी के पिता उसे अपने साले के घर होली पर छोड़कर गया था। वह जिंदल प्लांट अंगुल(ओड़िसा) में कार्य करता है। देश मे लाकडाउन लगने के बाद खुशी का पिता अंगुल से नही आ पा रहा था। उसकी फोन पर अपनी बेटी से बात होती थी। 9 जुलाई को खुशी के मामा ने अपने जीजा को खुशी की तबियत खराब होने से मौत हो जाना बतलाया था। जिस पर खुशी का पिता जिंदल प्लांट के वाहन से 10 तारीख को शाम रायगढ़ पहुंचा तो उसने अपनी बेटी के माथे पर चोट का निशान पाया परन्तु अंधेरा घिरने के कारण से बच्ची का कफन दफन आनन फानन में कर दिया गया था।
खुशी के पिता को शंका होने पर उसने अपनी बेटी का दफन शव को निकलवाकर पोस्टमार्टम करने का आवेदन कोतरारोड थाने एवं अनुविभागीय अधिकारी के यहां लगाया था। नायब तहसीलदार के समक्ष खुशी का शव निकाला गया एवं थाना प्रभारी युवराज तिवारी एवं थाने के मौजूदगी में 3 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम में पोस्टमार्टम किया गया। इसी बीच बच्ची के मामा ने बतलाया कि वह काफी शराब पिये हुए था एवं उसने किसी बात पर गुस्सा होकर खुशी को धक्का दे दिया था तो खुशी का सिर जमीन पर किसी वस्तु से टकराने पर उसकी मौत हो गई थी। तब उसने फोन पर अपने जीजा दुकालू दास को खुशी को उल्टियां होने से मौत होने की खबर दी थी। शराब का नशा उतर जाने पर खुशी के मामा को आत्मग्लानि हुई तो उसने अपनी गलती मानकर अपराध कुबूल कर लिया। पुलिस आगे की विवेचना कर रही है। पोस्टमार्टम स्थल से लौट कर टूटी कलम की रिपोर्ट


