रायगढ़——- रायगढ़ शहर पर दिनों दिन प्रदूषण स्तर बढ़ता ही जा रहा है। आम जनमानस इसका अहम कारण फैक्ट्रियों की चिमनियों से उगलते धुंए एवं खराब सड़को को मानता है। जबकि असल कारण है इन फैक्ट्रियों से टनों की मात्रा में निकलने वाली फ्लाईएश (डस्ट) होती है। इस फ्लाईएश को नियमतः क्रेशरों के गढ्ढो को भरने,राखड़ डैम,ईंट आदि के लिए किया जाना चाहिए। किसी भी रूप में सड़कों के किनारे ,नदी,नालों,तालाबो,खेत,खलिहानों, आबादी स्थल पर डालना एक गम्भीर कृत्य है। जिसपर पर्यावरण विभाग को कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि पर्यावरण विभाग किसी एक पर कड़ी कार्रवाई कर दे तो अन्य लोगो के बुलंद हौसले स्वतः पस्त हो जायेंगे।
एन जी टी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) यदि जिले का निरीक्षण करे तो अमलिभौना से बिलासपुर जाने वाले नए बने राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ यत्र तत्र सवर्त्र फ्लाईएश डंप मिल सकती है। नियम के अनुसार किसी भी पंचायत में इस तरह की डस्ट गिराने की अनुमति नही है परन्तु धन के बल पर सरपंच सचिव फ्लाईएश फैलाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर रहे है जो कि उनके अधिकार से बाहर होता है।
सरपंच,सचिव भी आ सकते है कानून के शिकंजे में—— उपलब्ध अनापत्ति प्रमाण पत्र के अनुसार खरसिया विधानसभा क्षेत्र के कई सरपंचों ने किसी ट्रांसपोर्टर को फ्लाईएश गिराने की लिखित सहमति प्रदान कर दी है जो आगे चलकर इन लोगो के गले की शत प्रतिशत फांस बनेगी। चंद रुपये की खातिर गांव के सरपंच जनमानस,खेत खलिहानों,जीव जंतुओं को बर्बाद करने पर तुले हुए है। जिनको पर्यावरण अधिकारी के द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया जा कर कठोर कार्रवाई भी करनी चाहिए।
पर्यावरण अधिकारी अजय गेडाम को दी जा चुकी है कलेक्टर द्वारा शो काज नोटिस—– जिला कलेक्टर भीम सिंह ने शहर में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए। जिला पर्यावरण अधिकारी को शो काज नोटिस भी जारी किया जा चुका है। अब देखना यह है कि वे किस तरह का जवाब प्रस्तुत कर सकते है। जबकि हमारे पास सारे प्रमाण उपलब्ध है।
उद्योगों से ज्यादा दोषी फ्लाईएश उठाने वाले ट्रांसपोर्टर है—— हर मामले में उद्योगों पर दोषारोपण करना उचित नही होता है। उद्योग उत्सर्जित फ्लाईएश को बाहर निकालने का ठेका ट्रांसपोर्टरों को दे देते जिसके बाद ट्रांपोर्टर अपनी मनमानी पर उतर आते है और मंत्री,विधायक आदि के नामो का सहारा लेकर सरपंचों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर पूरे क्षेत्र में फ्लाईएश फैला देते है। खासकर खरसिया विधानसभा क्षेत्र में ट्रांसपोर्टरो का दुस्साहस देखा जा रहा है। मसलन जब तक इस दिशा में मीडिया कदम नही बढ़ाएगी तब तक पर्यावरण विभाग,उद्योगों,सरपंचों,सचिवों,जनप्रतिनिधियों, जनमानस, ट्रांसपोर्टरो के कानों पर जूं नही रेंगेगी। क्रमशः—— लगातार✍️✍️✍️