🔴मोदी जी देश को संबोधित कर रहे थे या गिड़गिड़ा रहे थे🔴 हमे कोरोना से जितना है और हम जीतेंगे🔴बालसखा मित्रो सहयोग करो🔴माइक्रो कन्टेन्टमेंट बनाओ🔴 12 करोड़ लोगों को लग चुकी है वैक्सीन🔴
देश के प्रधानमंत्री के आपदा काल मे सम्बोधन सुनने को मन बैचैन एवं सांसे थमी सी,रक्त जमा सा, भीषण गर्मी में कंपकपी छूट रही थी। जैसे जैसे संबोधन आगे बढ़ता रहा। वैसे वैसे दिमाग की नसें फटने लगी। भाषण के अंत सर पीटने सरीखे नोबत आ गई
मितरो, हमने 12 करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन का कार्य पूरा कर लिया है। अब सवाल यह उठता है कि 1 अरब 38 करोड़ की जनसंख्या वाले देश मे टीकाकरण सम्पूर्ण करने में कितने साल लग जायेंगे ? गणित में कमजोर इसका हल बतलाये । अभी देश मे लाकडाउन की आवश्यकता नही है तो पिछली बार क्यो थाली पीटने,अंधेरा करने का निवेदन किया था ? क्या उस समय देश के हालात आज के हालात से बेहतर थे ? उस समय कितने प्रतिशत मरीज की रोजाना पहचान हो रही थी . और आज कितने की पहचान हो रही है ? उस समय मृत्यु दर कितनी थी ?और आज मृत्यु दर कितनी है?
मितरो, हमे छोटे छोटे कन्टेन्टमेंट जोन बनाने होंगे का आशय यह है कि घर घर को आइसुलेशन बनाना पड़ेगा। मेरे बाल मित्रो किसी को भी घर से बाहर न निकलने दे और अति आवश्यक होने पर ही स्वयं भी निकले का अर्थ क्या है ? जब लोग घरों से बाहर ही नही निकलेंगे तो व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को क्यो खोलकर क्या किया जाएगा ? मेरे बालसखा मित्रो का आशय स्पष्ट नही किया कि छोटे छोटे बच्चे की 70 साल के बुजुर्ग ? पिछली बार की तरह इस बार भी सहयोग करें। मतलब माना न कि जन सहयोग के बगैर सफलता नही मिल सकेगी।
प्रधानमंत्री ने 29 तारीख को बंगाल के अंतिम चरण के होने वाले चुनावों के मद्देनजर देश के बिगड़ते हालात देखकर ही बगैर अर्थ के भाषण दे डाला। लगता है कि 29 तारीख के बाद वे कह देंगे कि देश के हालात खराब हो चले है। इसलिए लाकडाउन लगाने की जरूरत आन पड़ी है।
मोदी ने अस्पष्ट संकेत दे दिए और कह भी दिए कि जो जहां है। वो वहीं रहे इसका अर्थ यह है कि बंगाल में वोटिंग एवं मतगणना के पश्चात देश भर मे लाकडाउन लगाया जा सकता है। प्रवासी मजदूर तब अपने अपने प्रांत लौट जायें।