टूटी कलम रायगढ़– देश मे कोरोना क्या आया मानो लोगो की लॉटरी निकल पड़ी। केंद्र सरकार 21 जून से सबको मुफ्त में वैक्सीन लगवाएगी और दीपावली तक मुफ्त में चावल बांटेगी। केंद्र की देखा देखी छत्तीसगढ़ सरकार ने भी जुलाई से नवंबर तक मुफ्त में चावल देने की घोषणा के साथ अतिरिक्त चावल देने का फैसला लिया है।
क्या केवल चावल ही राजनीति करने की वस्तु बन गई है—- बरसात एवं खुले में पड़े रहने के कारण लाखो टन चावल प्रतिवर्ष सड़कर खराब हो जाता है। निर्यात करने के बावजूद जो चावल बच जाता है। उसे समंदर में फेंक दिया जाता है। यह लोग कहते है।
भूपेश बघेल को प्रधानमंत्री की घोषणा पर नहले पर दहला मार देना था और मुफ्त में शक्कर,तेल, दाल, बड़ी,आलू,प्याज आदि में से किसी भी वस्तु को देने की घोषणा करनी चाहिए ताकि चावल का जायका बना रह सके। भविष्य में और देने,और देने की आपसी प्रतिस्पर्धा के कारण प्रदेश के लोग कामचोर और पंगु बनकर चावल बेचकर शराब खरीदकर प्रदेश का राजस्व बढ़ाकर सरकारी कोष भरपूर रखेंगे।