
इस समय परिवहन विभाग के उडऩदस्ता टीम के कार्यकलापों की खूब चर्चा हो रही है, चर्चा यह है कि परिवहन विभाग के उडऩदस्ता टीम की ओडिसा से आ रही बिना परमिट की भारी वाहनों जो एक विशेष नाम की होने के कारण उस पर नियंत्रण नहीं है। यह हम नहीं बल्कि भारी वाहनों के संबंधित लोगों में चर्चा से यह बात बाहर निकल कर आ रही है। अब कहा जा रहा है कि आरटीओ उडऩदस्ता के पुराने दिन वापस आ चुके हैं । वहीं अन्य भारी वाहनों से इन दिनों जमकर वसूली की चर्चा है। रायगढ़ जिले में कोल एवं स्टील ट्रांसपोर्टिंग में लगे भारी वाहनों सहित अन्य वाहनों की आवाजाही औद्योगिक जिला होने के नाते अन्य जिलों की अपेक्षा ज्यादा है । सबसे प्रमुख बात यह है कि रायगढ़ में जहां जांजगीर, जशपुर और सरगुजा जिले के वाहनों की एंट्री है तो वहीं अंतरराज्जीय भारी वाहन भी हजारों की संख्या में रोजाना गुजरते हैं। ऐसे में शासन द्वारा निर्धारित शुल्क के अलावा भी इन वाहनों को रायगढ़ की सीमा पर एंट्री की भेंट चढ़ा कर जाने की बात बताया जा रहा है। वाहन चालकों की माने तो आरटीओ उडऩदस्ता के इस चक्र से शायद ही कोई वाहन निकल पाता होगा। लेकिन स्थानीय और राजनीतिक रसूख रखने वाले कुछ बड़े ट्रांसपोर्टर के सामने उडऩदस्ता की घिग्घी बंधी होने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि ये ट्रांसपोर्टर नियम कानून को आरटीओ उडऩदस्ता के अधिकारियों के जेब में डाल कर अपना काम करते हुए नजर आ रहे हैं। ❔