अध्यक्ष से पहले झंडा फहरा गए संयोजक…ताली बजाकर लौट आए समर्थक…
भारतीय जनता पार्टी में गुटीय राजनीति 1 सप्ताह के भीतर फिर सतह पर दिख गई जब आजादी का जश्न मनाने को लेकर मंडल की तैयारी धरी की धरी रह गई और दूसरे प्रकोष्ठ के संयोजक झंडा फहरा कर चलते बने। निर्धारित समय पर पहुंचे अध्यक्ष और उनके समर्थको ने मायूस होकर दूसरे चौक पर झंडा फहरा कर अपने मन को संतोष दिया। टूटी कलम समाचार
दरअसल बांकीमोंगरा मंडल में हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस का झंडारोहण समारोह मेन चौक पर मनाया जाता रहा है। परंपरा रही है कि भाजपा के मंडल अध्यक्ष यहां झंडारोहण करते हैं। इस बार भी भाजपा मंडल अध्यक्ष भागवत विश्वकर्मा को प्रातः 8:30 बजे यहां पहुंचकर झंडा फहराना था। इसकी सारी तैयारियां कर ली गई थी लेकिन ऐन वक्त पर राष्ट्रीय पर्व में भी गुटबाजी ने पहले भांजी मार ली। यहां झुग्गी- झोपड़ी प्रकोष्ठ के जिला संयोजक सतीश झा अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और लगभग 8 बजे ही झंडा फहरा कर चलते बने। इधर निर्धारित समय पर मंडल अध्यक्ष और उनके समर्थक यहां आए तो झंडा फ़हर चुका था। बड़ी मायूसी से ही सही पर तिरंगे को सलामी देकर सभी ताली बजाकर वापस लौटे। कुछ देर बाद शक्ति चौक पर मंडल अध्यक्ष और समर्थकों ने झंडा फहराया। टूटी कलम समाचार
इसके पहले भी बाकी मोगरा मंडल की बैठक में भाजपा नेत्री ने फूट-फूटकर आंसू बहाए थे, मंच पर उपेक्षा और गुटबाजी का हवाला देकर इसे भाजपा की हार की वजह बताया था लेकिन खबर बाहर आते ही शाम होते-होते डॉन का फोन आया…और आंसू बहाने वाली भाजपा नेत्री बोली मैं कहां रोई… कब रोई ? फिर एक बार आजादी का पर्व और हाईजैक हुआ ध्वजारोहण एकजुटता के दावों की पोल खोल गया है। टूटी कलम समाचार