टूटी कलम समाचार—मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल द्वारा लगातार ब्राम्हणों के प्रति लगातार जहर उगला जा रहा है परन्तु ब्राम्हण समाज की चुप्पी की वजह से दिन प्रतिदिन नंदकुमार बघेल की जुबानी आक्रमकता बढ़ती ही जा रही है। जिसपर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की चुप्पी भी कम हैरत कारक नही है। वैसे भूपेश के मंत्रिमंडल में ब्राम्हण विधायको को उचित स्थान दिया गया है। रविन्द्र चौबे,सत्यनारायण शर्मा,विकास उपाध्याय, शैलेष पांडे,अनिता शर्मा,अमितेष शुक्ल,अरुण वोरा आदि की गिनती प्रदेश के कद्दावर कांग्रेसी नेताओं में की जाती है। ब्राम्हण होने के बाद भी ये लोग खून का घूंट पीकर चुप है। टूटी कलम समाचार
युवा भाजपाई ब्राम्हण ही रहे उपस्थित—पुतला दहन कार्यक्रम विशुद्ध रूप से भाजपा युवा मोर्चा का कार्यक्रम दिखा। जिसमे ब्राम्हण समाज संगठन के पदाधिकारीयो की अनुपस्थिति रही। हरियाणवी,राजस्थानी,बंगाली,ओड़िया,महाराष्ट्रीयन,तमिल,उत्तर प्रदेशीय,बिहारी, आदि सभी वर्गों को पुतला दहन करने की न कोई सूचना दी गई थी और न ही कोई बैठक आदि कर प्रस्ताव की रूपरेखा तैयार की गई थी। गुपचुप रूप से भाजपा संगठन ने मीटिंग कर पुतला दहन कार्यक्रम को पूर्ण राजनीतिक रूप देने के अतिरिक्त और कुछ नही है।टूटी कलम समाचार
घडो में बंटा समाज खुद के समाज के प्रति जागरूक नही है–अधिकारियो को खुश करने के लिए बना लिए जाते है समाज,बिहारी,भोजपुरी,ओड़िया,आदि समाज से तब चेहरे सामने आते है। जब कोई ब्राम्हण उच्चाधिकारी पदस्थ होते है। वर्गों में बंटा ब्राम्हण में एकजुटता का संचार होना टेढ़ी खीर है। जिसका साक्षात उदहारण पुतला दहन के समय दिखा। जिसमे उंगलियों पर गिने जाने वाले युवा ब्राम्हण भाजपाईयो के अतिरिक्त अन्य समाज के भाजपाई चेहरे ही नजर आये। ब्राम्हणों की इसी फूट का फायदा हर कोई उठाता लेता है। टूटी कलम समाचार
आवाज दो हम एक है…..जब जब ब्राम्हण बोला है,तब तब सिंहासन डोला है……..जय श्री परशुराम….. जय विप्र…. ब्राम्हण एकता जिंदाबाद आदि नारो के स्थान पर भूपेश बघेल मुर्दाबाद, नंदकुमार बघेल मुर्दाबाद के ही लगे नारो ने स्पष्ट कर दिया कि पुतला दहन का कार्यक्रम पूर्ण रूप से पार्टी विशेष का ही था। टूटी कलम समाचार