टूटी कलम समाचार… कांग्रेस शासित प्रदेशों में पार्टी नये नये तरकीब जुगाड़ कर लटपट सरकार बनने की खुशी में शायद यह भूल चुकी है कि देश की संसद में उनके 50 सांसद भी नही है और यदि भविष्य में इसी तरह का प्रदर्शन रहा तो चुनाव आयोग कांग्रेस की राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता भी समाप्त कर सकता है।इसलिए कांग्रेस के माँ-बेटा, बेटी-दामाद को संसद में अपने प्रतिनिधि बढ़ाने पर मंथन करना चाहिए न कि प्रदेशो में शासन कर रही कांग्रेसी सरकारों को उथल पुथल करने में बेवजह दखलंदाजी करना चाहिए। टूटी कलम समाचार
भूपेश है तो भरोसा है….प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनुशरण कर बघेल प्रदेश में अपनी सरकार चला रहे है। जिस तरह केंद्र में विपक्ष की हालत है। मंत्रिमंडल, भाजपा,आर एस एस किसी का भी कद मोदी के आगे बौना बने हुए है। उसी तरह से छत्तीसगढ़ प्रदेश में भूपेश बघेल जलवा बरकरार है। विपक्ष के सांथ ही कांग्रेसी विधायको,मंत्रियों की भी बघेल के सामने कोई बखत नही है। ढाई ढाई साल के मुख्यमंत्री के फार्मूले ने जोर दिखलाने की कोशिशें की गई। तब तब माँ-बेटे ने बघेल पर स्नेह लुटाकर सबकी जुबानों पर ताले जड़ दिए। टी एस बाबा इस उम्मीद में दिल्ली दरबार मे बारंबार हाजिरी देने चले जाते है कि न जाने कब माँ-बेटे का दिल पसीज जाये। भूपेश बघेल ने दिल्ली तक मे अपना बाहुबल प्रदर्शन कर चुनौती दे डाली थी कि बघेल ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार चलाने में सक्षम है।फेरबदल करने की कोशिश करने पर कांग्रेस के पास मात्र 15-20 विधायक ही शेष रह जाएंगे। जिसके बाद से 10 जनपथ ने छत्तीसगढ़ की ओर से रुख मोड़कर पंजाब,राजस्थान का रुख कर अपनी इज्जत बचा ली। टूटी कलम समाचार
नरवा, गरवा, घुरवा,बाड़ी, गोबर,गौठान,शराब रही सफल योजना…..इन योजनाओं का सीधा सीधा लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। जिस वजह से बच्चे बच्चे की जुबान पर “हमर नेता भूपेश बघेल” का नारा आ चुका है। पिछले 15 साल राज कर चुके डाक्टर रमन सिंह का नाम भाजपाई स्वयं भूलने लगे है अन्य मंत्रियों के नाम तो अब राजनीति से जुड़े लोग ही जानते होंगे। प्रदेश में भूपेश बघेल वन मैन आर्मी बने हुए है। 1 से 10 तक,A से Z तक लोग इन्हें ही जानते एवँ पहचानते है। भूपेश बघेल के कारण गौठानो,गोबरो,धान,आदि के माध्यम से प्रदेश की हर पंचायतो में पैसा बांटा जाता है।जिसको लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भूपेश बघेल मसीहा बने हुए है। टूटी कलम समाचार
प्रदेश में 15 साल कांग्रेस रही हाशिये पर जिसका कारण भी मां बेटा ही है….मां-बेटे ने प्रदेश के तत्कालीन,करिश्माई व्ययतित्व के धनी स्व.अजीत जोगी का कांग्रेस से निष्कासन कर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारकर ली थी। यदि उसी समय मां-बेटे ने दिमाग से काम लिया होता तो प्रदेश से 15 सालों तक के लिए कांग्रेस का सफाया न होता। माँ-बेटे की अकड़ जिद्द का परिणाम पूरे कांग्रेस को भुगतना पड़ गया। वह तो भूपेश बघेल की ईमानदारी रही कि विपक्ष में रहते हुए भी पूरे प्रदेश को पदयात्रा से नाप डाला और कांग्रेस की वापसी ऐतिहासिक तरीके से हुई। अब चूंकि भूपेश बघेल की गिनती राष्ट्रीय स्तर के कांग्रेसी नेताओं में होने लगी है। इस वजह से 10 जनपथ में सनसनी सी मची हुई है। टूटी कलम समाचार