टूटी कलम विश्लेषण…जैसे जैसे समय गुजरता जा रहा है। वैसे वैसे राजनीतिक उठा पटक परवान चढ़ने लगी है। जिसका कारण 2 साल में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव है। जिसको लेकर भाजपा- कांग्रेस के फेसबुकिया कार्यकर्ताओ मे अपने अपने आकाओं के तारीफों के पुल बांधने की एक होड़ सी लगी हुई है नीचा दिखाने के लिए इनमें कोई मर्यादा नही बची है। विशुद्ध व्यवसाई,शोषक,लंगोट के कमजोर,भ्रष्ट लोगो की महिमा इस तरह से बखान की जा रही है मानो प्रभु श्री राम के बाद उनके आका ही मर्यादा पुरूषोत्तम के अवतार है। जबकि सबका कच्चा चिट्ठा टूटी कलम के पास पेन ड्राइव में सुरक्षित है। टूटी कलम विश्लेषण
ओ पी को लेकर असमंजस.. कुछ दिनों से कहर नेता ओ पी के रायगढ़ सीट से कयास लगाये जा रहे है जो कि राजनीति दृष्टिकोण से अनुपयुक्त है क्योंकि जिला मुख्यालय का विधायक मंत्री पद से ज्यादा मायने रखता है और रायगढ़ के प्रबुद्ध मतदाता किसी भी हालत में पैराशूट उम्मीदवार को बर्दाश्त करने में कोई दिलचस्पी नही लेंगे। ओ पी टांग खिंचने में भी वे लोग ही सक्रिय हो जायेंगे जिनकी वजह से बुनगा बलवा कांड के कारण भाजपा के वोट टूट गए थे। टूटी कलम विश्लेषण
श,स,ष जिनके नाम के अंत मे आता है वह ही भाजपा का सम्भावित उम्मीदवार होगा…जी हां अंक ज्योतिष यही बतलाता है कि जिस मनुष्य के नाम के अंत मे उक्त शब्द आता है। उसे भाजपा से दावेदारी मिल सकती है। जैसे कि ओमप्रकाश, उमेश,विलिस,विकास,प्रकाश,बृजेश,सुरेश,महेश,दिनेश,खगेश,कमलेश,हितेश,आकाश,आदि। टूटी कलम विश्लेषण
डॉ प्रकाश मिश्रा किसी के परिचय के मोहताज नही है…पुरानी बस्ती के रहवासी स्व.वी.डी मिश्रा के सुपुत्र,आंध्र प्रदेश की हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा के बड़े भाई,मेट्रो हॉस्पिटल के संचालक पेशे से चिकित्सक प्रकाश मिश्रा की पढ़ाई लिखाई रायगढ़ में ही हुई है एवं उत्कल ब्राम्हण समाज,ओड़ियाभाषी लोगो मे मिश्रा की अच्छी खासी पैठ है। रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वैसे भी ओड़िया लोगो का बोलबाला है। ग्रामीण अंचल में प्रकाश मिश्रा की जबरदस्त एवँ मजबूत पकड़ है। राष्ठट्रीय स्वंय सेवक संघ के संघ संचालक होने का फायदा निश्चित रूप से मिश्रा को मिलेगा। शहर के मारवाड़ी गैर मारवाड़ी वोटों पर भी डॉक्टर सहाब सेंध मारने में सफल हो जाएंगे। डाक्टर लाबी,स्वास्थ्य महकमा, दवा दुकानदारो, दवा प्रतिनिधियों,के अतिरिक्त मरीजो का भी सहयोग प्राप्त करने से डाक्टर को कोई नही रोक सकता। पुराने सम्बन्धों, दबावपूर्ण सम्बन्धों के कारण भी मिश्रा आगे निकलते दिख रहे है।डाक्टर मिश्रा के मित्रो,शुभचिन्तको,हितैषियों,रिश्तेदारों की कोई कमी नही है जो कि चुनाव के समय पूरे मनोयोग से मिश्रा का समर्थन करने में अपने आपको भाग्यशाली समझेंगे। टूटी कलम विश्लेषण