@टिल्लू शर्मा◾टूटी कलम◾डॉट कॉम◾…कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए खाखी बनाई गई परन्तु अब शनै शनै इसका रंग फीका पड़ने लगा है। जिसका कारण यह है कि खाखी नेताओ,जनप्रतिनिधियों, मीडिया,रसूखदारो,डॉन आदि की अंगुलियों के इशारों पर कार्य करने वाली समझी जाने लगी है। कोई भी ऐरा,गैरा, नत्थू खैरा भी पुलिस को चमकाकर,आंखे ततेर कार निकल जाता है। टूटी कलम
हर किसी को गलत काम करने के लिए पुलिस का साया सांथ चाहिए और वह भी बिलकुल मुफ्त, तो भइये बगैर फायदे के पुलिस किस किस का सांथ देती फिरेगी,यहां तो इंसानों की खाल में भूखे भेड़िए,दरिंदे घूम रहे है। भला कौन सा ईमानदार अधिकारी,कर्मचारी होगा जो बगैर चढ़ावे के कार्य निष्पादित करता होगा।मगर यदि पुलिस को देना पड़ जाये तो बात गृह मंत्रालय तक पहुंचाने की कोशिश की जाती है। टूटी कलम
चोरी,डकैती,बलात्कार,लूटपाट, मारपीट आदि हो जाये तो लोग सवाल उठाने लगते है कि पुलिस क्या करती है ? पुलिस गश्त नही करती तो भइये क्या पुलिस गली-गली भटककर घर घर घुसकर पूछने लग जाये कि सब खैरियत तो है। यदि अपराधी न पकड़ाये तो लोग कहने लगते है कि पूरा मामला सैट हो गया होगा। बैंकों में डकैती,ए टी एम में लूट होने पर वही बात कि पुलिस कहां थी तो भइये बैंकों की सुरक्षा के लिए रखे गए सिक्युरिटी गार्ड संघर्ष क्यो नही कर अपना फर्ज निभाते ? यदि किसी वाहन चालक का मात्र 100₹ का चालान काट दिया जाता है तो उसे छुड़वाने के लिए मंत्री तक के फोन आने लगते है। टूटी कलम
मानव अधिकार के कारण से भी पुलिस से हुज्जतबाजी, मारपीट करने के मामलों में दिन दुगुनी रात चौगनी तरक्की हो रही है एवं एट्रोसिटी के कारण भी पुलिस अनेक मामलों में कार्रवाई करने से कतराने लगी है। पिछले दिनों कोंडागांव में एसडीओपी से मारपीट की गई,बिलासपुर में ट्रैफिक जवान को अश्लील गालियां बीच बाजार बकी गई,शायद रायपुर में पुलिस वालों को जान बचाकर भागना पड़ा था,आये दिन ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती है। पिछले दिनों रायगढ़ में एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी। जिसका फायदा भाजपा के लोग उठाकर मंत्री के नजदीकी व्यक्ति के नाम पर रिपोर्ट दर्ज करवाने पर आमादा हो गए थे एवं बगैर विवेचना के ए एस आई को निलंबित करवाकर ही माने।क्या किसी के द्वारा किसी के नाम दीवार पर लिख देना ही आत्महत्या करने का कारण माना जाना चाहिए। राइटिंग एक्सपर्ट की जांच के बगैर कैसे मान लिया जाये कि दीवाल पर लिखे हुए नामो को मृतक ने ही लिखा था। यदि राइटिंग एक्सपर्ट ने कह दिया कि राइटिंग मेल नही खा रही है तब क्या सजा के हकदार नेतागिरी चमकाने वालो को माना जाना चाहिए। टूटी कलम
पुलिस के लिए तो निलंबन,ट्रांसफर, लाईन अटैच विभागीय दंड है। मगर बात झूठ निकलने आरोप साबित न होने पर क्या आरोपित साबित करने पर तुले लोगो के लिए दंड देने का प्रावधान नही है। टूटी कलम