@टिल्लू शर्मा◾टूटी कलम डॉट कॉम#…..त्योहारों के आते ही व्यवसाइयों के पुष्य नक्षत्र की बेला आ जाती है कमाल तो तब लगता है जब ये पुष्य नक्षत्र पूरे 5 दिन एवँ 24सो घँटे हाजिर रहते है। इनको भूख प्यास थकान तक नही लगती। पुष्य नक्षत्र में सोना चांदी के जेवर खरीदना शुभ बतलाया गया है। जबकि अन्य नक्षत्रों के दिन भी ज्वेलर्स दुकानों में ग्राहक मंडराए रहते है। बस पुष्य नक्षत्र के नाम पर सालभर की कमाई एक सांथ कर लेने का बहाना मात्र रहता है।सोने चांदी के जेवर वही खरीद सकता है। जिसकी जेबें भरी,ए टी,एम में भरपूर धन रहता है। कई ऐसे लोगो को आप भी जानते होँगे जिन्होने पुष्य नक्षत्र पर काफी मात्रा में सोना चांदी खरीदा होगा जिसके बाद वे फुस्स हो गए होंगे। टूटी कलम
गोल्ड के हॉलमार्क लगे जेवर बिल सहित ही खरीदे…….त्योहारों,शादी,सगाई,तिलक आदि के समय अधिक मात्रा में सोने के गहने खरीदे जाते है। नये नये धनिक पुष्य नक्षत्र के नाम पर जेवर खरीदना ही स्टेटस सिंबल समझते है। इन सब का फायदा ज्वेलर्स उठाते थे। सरकार ने केवल हॉलमार्क लगे सोने के जेवरों को शुद्ध एवँ महंगा बतलाया है एवं ज्वेलर्स को भी हॉलमार्क लगे गहनों की बिक्री के लिए निर्देशित किया हुआ है। बगैर हॉलमार्क लगे सोने की कीमत मिट्टी के समान है। 5 लाख रुपये का बगैर हॉलमार्क लगे सोने को स्वयं सुनार 5 हजार में नही खरीदेगा।इसलिए आभूषण खरीदते समय हॉलमार्क लगे आभूषण ही खरीदे एवँ जी एस टी पेड बिल अवश्य ही लेवें।कभी जरूरत पड़े इनको बेचने की तो मात्र बनवाई ही सुनार काटेगा एवँ कोई खोट या बट्टा न काट सकेगा। नो हॉलमार्क नो गोल्ड
चांदी के सामान खरीदते समय टंच पता करके ही खरीदी करें… इसका भी टंच लिखा जी एस टी बिल अवश्य लेवें। अक्सर देखा जाता है कि चांदी के सिक्के,मूर्तियां,बर्तन आदि खरीदी के समय बेहद चमकते है। जो बाद में रखे रखे काले पड़ जाते है।जिसकी वजह नकली चांदी डालडा मिक्स कर सामान बनाये जाते है और ग्राहकों को टंच के विषय मे कोई जानकारी नही रहती है। जिसका फायदा सुनार उठाने से नही चूकते है। 1 लाख रुपये कीमत की खरीदी हुई चांदी 50 हजार में भी बेचनी भारी पड़ जाती है। 500 रुपये का चांदी का नोट मात्र 2 रुपये में सुनार खरीदते है। जबकि बेचते समय पूरे 500 रुपये वसूले जाते है। टूटी कलम
क्यों न बनेगी बुलेट प्रूफ, बम प्रूफ बिल्डिंगे… कोई भी सुनार पहले टिन टप्पर मैली कुचैली गद्दी लगी दुकान से छोटी छोटी छेनी हथौड़ी से व्यवसाय शुरू करता है जो आग में फूंक मारते मारते कुछ वर्षों में ही बहुत बड़े शोरूम का मालिक एवं विलासिता के साधन से संपन्न कोठी का मालिक बनकर कांच लगे शोरूम में रिवाल्विंग चेयर में बैठकर व्यवसाय करने लगता है। बड़ी बड़ी लग्जरी वहानो में घूमने लगता है और जो बेचारे सोना खरीदी करते है। वे उनके आगे पीछे जेवर गिरवी रखने के लिए मंडराते रहते है। यह सब कैरेट के खेल से संभव होता है। मगर अब सरकार ने हॉलमार्क का नियम लागू कर दिया है । इसलिए सोना खरीदते समय हॉलमार्क एवँ चांदी खरीदते समय टंच का ध्यान रखे एवँ जी एस टी पेड बिल लेना न भूलें एवँ बिल को आभूषणों की तरह से संभाल कर रखें। टूटी कलम। जीवनभर कमा कमा कर किसी और का घर न भरें। टूटी कलम
सुनार लोग दीपावली पर अपचनीय विज्ञापन प्रसारित करवा कर जनता का दिमाग दिग्भर्मित कर ग्राहकों को अपने साधे गए जाल में फांस लेते है। जैसे कि &सोना खरीदने पर सोना मुफ्त$सोने,हीरे के आभूषण खरीदने पर बराबर वजन के चांदी के जेवर मुफ्त$सोने के जेवर पर कोई बनवाई चार्ज नही$मुफ्त में विदेश घूमने का मौका$ 7 स्टार होटल में 2 दिन 3 रात मुफ्त$ हवाई यात्रा बिलकुल मुफ्त$ सोने की गिन्नी,सिक्के बिल्कुल मुफ्त$ आदि आदि प्रलोभन देकर उच्चकोटि के प्रयास किये जा रहे है। क्या सोने-चांदी-हीरो के जेवरातों पर इतनी कमाई है और यदि है तो आयकर विभाग कार्रवाई क्यो नही करता है। टूटी कलम