@टिल्लू शर्मा◾टूटी कलम डॉट कॉम#रायगढ़… कस्टम मिलिंग प्रोसेस में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक महीने की बैंक गारंटी की वैधता चुपचाप तीन महीना कर दिया गया। ऐसा एक-दो नहीं कई मिलरों को अवैध लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। इसकी शिकायत की तैयारी कर ली गई है। टूटी कलम
उपार्जन केंद्रों और संग्र्रहण केंद्रों से धान उठाव के लिए मिलर्स को डीओ तभी जारी होता है जब उनके पास बैंक गारंटी हो। राईस मिलर का जिन बैंकों में खाता होता है, वहां से एक महीने की क्षमता के बराबर धान की कीमत का आकलन होता है और उतने की बैंक गारंटी जारी की जाती है। इसकी वैधता एक महीने की होती है। एक महीना पूरा होने के बाद धान उठाव की मात्रा देखते हुए इसे एक महीने और बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया बैंक प्रबंधन की जानकारी में की जाती है, लेकिन रायगढ़ में बहुत सनसनीखेज मामला सामने आया है। टूटी कलम
कुछ मिलरों को एक महीने की बैंक गारंटी जारी की गई थी। इसे एक ही महीने के लिए वैध किया गया था, लेकिन विपणन विभाग द्वारा इसे तीन महीने के लिए वैध कर लगा दिया गया। इस तरह गलत तरीके से बीजी लगाकर राइस मिलरों ने डीओ भी जारी करवा लिए। उदाहरण के लिए एचडीएफसी बैंक से एक बैंक गारंटी 2 अगस्त 2021 को 1 सितंबर तक जारी किया गया था, लेकिन इसे फर्जीवाड़ा कर विपणन विभाग द्वारा ही 31 अक्टूबर और 1 नवंबर तक वैध बना दिया गया। सबसे बड़ी बात यह है कि इसकी जानकारी बैंक को है ही नहीं क्योंकि बैंक से ऐसे फर्जीवाड़े की अनुमति नहीं मिल सकती। टूटी कलम
बहुत बड़ी धोखाधड़ी
रायगढ़ जिले में धोखाधड़ी के नए-नए तरीके खोजे जाते रहे हैं। कस्टम मिलिंग में क्रॉस डीओ, धान उठाव में फर्जीवाड़े के बाद अब मिलर्स का नया कारनामा सामने आ गया है। फर्जी तरीके से बीजी की वैधता बढ़ाने के बाद उन मिलरों को धान भी दे दिया गया। इससे शासन को नुकसान होना तय है। साथ ही कस्टम मिलिंग प्रक्रिया से भी छेड़छाड़ की जा रही है। बताया जा रहा है कि इसकी लंबी-चौड़ी शिकायत शासन से होने वाली है। इस खेल में कई लोगों के शामिल होने की खबरें हैं। टूटी कलम