🏹 टिल्लू शर्मा 🖋️ टूटी कलम रायगढ़ ……मैनेजमेंट किया जा चुका खेल रायपुर जाकर पूरी तरह से बिगड़ चुका है। चूंकि आगामी दिनों प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का रायगढ़ जिले में भेंट मुलाकात का कार्यक्रम होना है। इस दौरान उन्हें विरोध का सामना एवम तीखे सवालों का जवाब न देना पड़ सके । इसलिए उक्त दोनों उद्योगों की होने वाली जन सुनवाई को निरस्त किया जाना समझा जा रहा है। यहां यह बतलाना लाजिमी है की जिले में दनादन संपन्न हुई किसी भी एक जनसुनवाई के विरोध में भाजपा के फेसबुकिया नेता एवम शेरनी कहलाने का शौक पाले हुई नेताओं ने विपक्ष में रहते हुए भी जिले में हो रहे अंधाधुध औद्योगिककरण के खिलाफ दबी जुबान से भी विरोध के स्वर नही खोले। ना प्रदूषण पर,ना पर्यावरण पर,ना रोजगार के लिए कोई आंदोलन किया। शायद उद्योगपतियों से कोई पुराना याराना, पुराना लेन देन,चला आ रहा हो। टूटी कलम
उद्योगों से होने वाले नुकसान को देखकर आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीण धरना प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतर जाते है। तब भी विपक्ष के नेता,कार्यकर्ता दूरी बनाकर रखते है। आंदोलन कारियो को समर्थन देने तक नहीं पहुंचते है। ये रिश्ता क्या कहलाता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले के कांग्रेसी नेता पिछले कुछ दिनों से रायपुर में कैंप किए हुए है। ऐसा उनका मानना है की “बकरा कटने पर सब में बराबर बंटना चाहिए”. उन्होंने ने आंदोलन कारियो को पूर्ण आश्वासन दिया है कि जनसुनवाई नही होगी,मतलब नही होगी। चाहे इसके लिए कितना भी जोर क्यों न लगाना पड़ जाए। रोजगार के नाम पर स्थानीय युवाओं को ठगने वाला कार्य 15 साल तक किया गया है। जल,जंगल,जमीन,पर्यावरण का विनाश अब किसी भी कीमत पर नही होने दिया जाएगा। चाहे किसी भी संजय के द्वारा तिजोरी का मुंह क्यों न खोल दिया जाए। टूटी कलम
क्रमशः