🎤 टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ पिछले दिनों राष्ट्रीय रामायण महोत्सव से 1 दिन पहले पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के द्वारा आनन-फानन में रात्रि 8:30 बजे पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस वार्ता करने की सूचना प्रसारित करवाई गई. जिसके बाद मीडिया वाले संशय की स्थिति में कंट्रोल रूम पहुंचकर यह जानना चाह रहे थे कि पुलिस अधीक्षक के द्वारा अचानक से प्रेस वार्ता बुलाने की क्या अति आवश्यकता पड़ गई थी।
पुलिस अधीक्षक ने रामायण महोत्सव के दौरान शहर की यातायात व्यवस्था नो एंट्री, पार्किंग, डाइवर्ट मार्ग, आदि से संबंधित व्यवस्था के विषय में मीडिया से जानकारी साझा कर समाचार प्रसारित करने के लिए अति आवश्यक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी। मगर स्वयं को रायगढ़ के बुद्धिजीवी समझने वाले पत्रकारों ने विषय से भटकते हुए 304 के आरोपी पर 302 क्यों नहीं लगाया गया। बड़े ही विनय के साथ बेतुके प्रश्न कर अपनी मूर्खता की मुनादी का प्रमाण पेश कर दिया। बेतुके पूछे गए प्रश्न का उत्तर पुलिस अधीक्षक ने समय काल परिस्थिति को देखते हुए देना उचित नहीं समझा और वे प्रेस वार्ता से उठकर बाहर टहलने चले गए।
एक अन्य पत्रकार ने सुभाष चौक पर लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए आलोक सिटी मॉल दिनशा आइस क्रीम पार्लर के सामने लगाए गए लोहे की ग्रिल को हटवाने का प्रश्न किया गया। इस प्रश्न के पश्चात पूरा सदन हंसी से गूंज उठा। पुलिस अधीक्षक ने बतलाया की यह उनका कार्यक्षेत्र नहीं है। उनका कार्य अपराधों को नियंत्रण करने, ट्रैफिक जाम के लिए यातायात विभाग के आरक्षको की पॉइंट ड्यूटी, लगवाने की है। पुलिस अधीक्षक के उत्तर देने के पश्चात भी मंदबुद्धि मीडिया वाला लगातार बहस जारी रखा। ज्ञात रहे किजब तक उक्त मीडिया वाले को पुलिस विभाग के व्हाट्सएप ग्रुप में नहीं रखा गया था। तब तक प्रेस वार्ता शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ करती थी। मगर अब उक्त पत्रकार के प्रत्येक प्रेस वार्ता में उपस्थित होने पर कभी भी स्थिति बिगड़ सकती है। उक्त पत्रकार से सभी मीडिया वाले दूरी बनाकर रखा करते हैं। ज्ञात रहेगी की उक्त पत्रकार किसी समय आलोक सिटी माहौल एवं दिनसा आइसक्रीम पार्लर वालों का एक तरफा विरोध किया करता था। जिस वजह से उसे कई बार प्रसाद वितरण भी किया जा चुका है। । मगर आर्थिक सेटलमेंट होते ही पत्रकार की भाषा बदल गई और वह आलोक सिटी मॉल दिनशा आइस क्रीम पार्लर वालों की तरफदारी कर अपने नमक का फर्ज अदा करने लगा है। अब वह चाहता है कि उस पर एहसान करने वालों का व्यवसाय प्रभावित ना हो इसलिए शहर की यातायात व्यवस्था चौपट कर दी जाए और कुछ दूर की रेलिंग निकाल दी जाए। अगर उस स्थान की रैली निकाल दी जाएगी तो पूरे शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी।