🎤 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ की बेबाक टिप्पणी… छत्तीसगढ़ के औद्योगिक जिला मुख्यालय के रायगढ़ शहर में 1 जून से लेकर 3 जून तक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम रामायण महोत्सव अनेकों विवादों के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन एवं समापन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा किया गया मुख्यमंत्री के साथ अन्य मंत्री विधायक उपस्थित रहे। ऐतिहासिक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के ख्याति लब्ध कलाकारों कुमार विश्वास, मैथिली ठाकुर ,लखबीर सिंह लक्खा ,हंसराज रघुवंशी, शरद शर्मा , सन्मुखप्रिया, के अतिरिक्त इंडोनेशिया, कंबोडिया के कलाकारों रामचरित्र मानस दल के समूहों ने आकर्षक प्रस्तुति देकर रामायण महोत्सव कार्यक्रम को ऐतिहासिक सफलता दिला दी।
कार्यक्रम में अनेक खामियां देखने को मिली जिसको उजागर करने का साहस कोई भी मीडिया वाला इसलिए नहीं कर पाया क्योंकि पापी पेट का सवाल ठहरा है। कार्यक्रम में प्रवेश के लिए मनमाने तरीके से पास बांटे गए, पास नहीं मिलने से शब्द पत्रकारों के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी गगन शर्मा के कार्यालय जाकर अपना विरोध जताया और जिला कार्यालय के सामने जाकर जनसंपर्क अधिकारी के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। प्रशासन के अडियल रवैये से खार खाए मीडिया वाले कार्यक्रम का बहिष्कार करने की अपेक्षा कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर जिला प्रशासन के शरणागत हो गए एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा रामायण कार्यक्रम, मुख्यमंत्री कार्यक्रम आदि की सूचनाएं प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से की जाती रही और तथाकथित पत्रकार उन विज्ञप्तियों की कॉपी पेस्ट कर स्वयं को बहुत बड़े, वरिष्ठ पत्रकार कहलाने से बाज नहीं आए। ऐसे में पत्रकारों की बेइज्जती होना स्वाभाविक बात है।
प्रदेश के मुखिया की प्रेस वार्ता नहीं रखी गई और इससे ज्यादा बेज्जती क्या होगी मीडिया की.. राष्ट्रीय रामायण उत्सव में पहले दिन और तीसरे दिन मुख्यमंत्री रायगढ़ आए थे अनेक लोगों से भेंट मुलाकात करें,कई समाज वालों के लिए भवनो के लिए राशि स्वीकृत किए। विकास 500 करोड़ रुपए कार्यों की सौगाते दी, भूमि पूजन, शिलान्यास, लोकार्पण किया गया। कलाकारों को प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, रामायण की प्रतियां आदि भेंट कर उनका सम्मान किया गया। मीडिया वाले बगैर बुलाए मेहमान की तरह पहुंचकर फोटोग्राफर के अतिरिक्त अन्य कोई भूमिका नहीं निभा पाए और मुख्यमंत्री ने रायगढ़ की मीडिया वालों को कोई भी भाव नहीं दिया गया। हद तो तब हो गई जब मुख्यमंत्री का रात्रि विश्राम भी रायगढ़ में हुआ परंतु प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन नहीं किया गया क्योंकि बघेल को दिए अच्छे से मालूम है कि रायगढ़ के मीडिया वाले समय काल परिस्थिति से परे उटपटांग सवाल पूछा करते हैं। जैसे कि आपको रायगढ़ में रामायण करवाने की क्या सूझी ❓ आप रायगढ़ कब आए और किससे आए साथ में कौन-कौन आया ❓ क्या प्रदेश में शराबबंदी की जाएगी ❓ दो हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाला के विषय पर आप क्या बोलना चाहेंगे ❓ कांग्रेसी नेताओं, अधिकारियों पर ईडी की कार्रवाई कब तक जारी रहेगी ❓रायगढ़ ,लैलूंगा से विधायक प्रत्याशी कौन होगा ❓ शायद इसी तरह के सवाल पूछे जाने थे जिनका जवाब बघेल के द्वारा कई बार पहले दिया जा चुका है।
चलो कोई बात नहीं मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करवाई मगर प्रश्न यह उठता है कि शहर में 3 दिन तक रुके खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश नंदकुमार पटेल के द्वारा भी प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों आयोजित नहीं की गई? कार्यक्रम में प्रस्तुति देने आए राष्ट्रीय स्तर के कलाकार कुमार विश्वास, मैथिली ठाकुर की भी प्रेस कॉन्फ्रेंस शायद इसलिए नहीं करवाई गई क्योंकि मीडिया वाले उटपटांग सवाल पूछ कर कलाकारों के साथ सेल्फी लेने एवं सम्मान में रखे गए स्वल्पाहार पर भूखो की तरह टूट पड़ते हैं एवं किसी भी तरह का समाचार ना लिखते हैं और ना प्रसारित करते हैं तो फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने से क्या फायदा होता जिला प्रशासन को इन्हीं सब बातों के मद्देनजर प्रेस वार्ता का आयोजन नहीं करवाया गया। जिसका विरोध मीडिया वालों के द्वारा ना किया गया है और ना ही किया जाएगा।