टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002…. जिला ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय अखबार दैनिक जन जागरण संदेश
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़….. रायगढ़ शहर से एक पेचीदा भरी खबर सामने निकल कर आई है. यह की पुलिस लाइन,पुलिस पेट्रोल पंप के सामने स्थित आर.एल.हॉस्पिटल में ग्राम विश्वनाथ पाली के एक ग्रामीण के पैर पर सीढ़ी गिरने की वजह से इलाज हेतु भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान डॉक्टर ने बतलाया कि मरीज का पैर काटना पड़ेगा. जिस पर परिजनों ने सहमति दे दी थी. डॉक्टर के द्वारा मरीज का पैर काट दिया गया और कटे पैर को परिजनों को सौंप कर उसको कफन दफन करने के विषय में बोला गया. यह बात मरीज का परिजन मीडिया के सामने बोलता है परंतु आश्चर्य वाली बात यह है कि दुनिया के किस अस्पताल में या किस नर्सिंग होम में ऑपरेशन के बाद कटे हुए अंग को परिजनों को सौपा जाता है ?
मरीज परिजन बतलाता है कि वह कटा हुआ पैर लेकर इंदिरा नगर की ओर जाता है और पानी में फेंक कर लौट आता है. जबकि यदि उसे पानी में ही फेंकना था तो समीप ही निकले महादेव तालाब है. वहां फेंक सकता था या फिर आसपास कहीं भी गड्ढा खोदकर दफन कर सकता था. ऑपरेशन के बाद कटे हुए अंग, दांत आदि को दफन करने की जिम्मेवारी क्या परिजनों की होती है या फिर अस्पताल प्रबंधन की ? मरीज के परिजन के बयान से लगता है कि वह अस्पताल प्रबंधन की गलती को दबाव,धन,की वजह से मामला अपने ऊपर ले रहा है. जिसके बयान से अस्पताल प्रबंधन बरी हो गया है. इस मामले की जांच जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पताल एवं नर्सिंग होम विभाग के द्वारा की जानी चाहिए और मामले की असलियत सामने लानी चाहिए. यदि इस तरह से मानव अंग काटकर परिजनों को सौंप दिए जाएंगे तो मेडिकल कॉलेज मार्ग में यत्र तत्र सर्वत्र मानव अंग बिखरे पाएंगे और पुलिस की सिरदर्दी बढ़ जाएगी.
सूत्रों ने बतलाया कि आर एल हॉस्पिटल के विज्ञापन मिलने की वजह से मीडिया के द्वारा भी मामले पर लीपा पोती कर दी गई है. अनेक अखबारों एवं वेब पोर्टलो में आर. एल. हॉस्पिटल का सालाना विज्ञापन बंधा हुआ है. इसलिए मीडिया अत्यंत गंभीर विषय की ओर से अपना ध्यान हटा ली है. जिस वजह से अस्पताल प्रबंधन को भविष्य में मनमानी करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.