टूटी कलम रायगढ़ जिले का बहुचर्चित, विश्वसनीय, पाठको की पहली पसंद नंबर वन के पायदान पर न्यूज वेब पोर्टल “टूटी कलम” अपनी लोकप्रियता की वजह से छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने लगा है. संपादक निडर,निष्पक्ष,निर्भीक, बेबाक,बेखौफ, असलियत से नाता रखने वाला, लेखक, चिंतक, विचारक, विश्लेषक, व्यंग्यकार,स्तंभकार,कलमकार, माता सरस्वती का उपासक, लेखनी का धनी, कलम का मास्टरमाइंड चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा रायगढ़ छत्तीसगढ़ 83192 93002…. जिला ब्यूरो चीफ राष्ट्रीय अखबार दैनिक जन जागरण संदेश
🏹 टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़….. रायगढ़ जिले के खरसिया पुलिस के द्वारा लक्ष्मी लाज में देह व्यवसाय का धंधा फलने फूलने के समाचार पर छापेमारी करते हुए लाज के तीन अंदर से बंद कमरों को खुलवाते हुए तीन युवक –युवती को बैठी अवस्था में पाया गया. लाज के संचालक को बुलाने पर पूछताछ की गई तो वह उग्र होते हुए पुलिस की कार्रवाई को असंवैधानिक बतलाने लगा. तब पुलिस के द्वारा सभी को थाने ले जाया गया. थाने में युवकों एवं लाज संचालक के ऊपर अपराध कायम करते हुए रायगढ़ जिला जेल में निरुद्ध करवा दिया गया. मगर मौके पर मिली तीन युवतियों एवं एक महिला को पुलिस के वाहन में बैठाकर उनके घर पहुंचाया गया. जिस वजह से खरसिया शहर में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है. इस मामले में पुलिस के द्वारा एक पक्षीय कार्रवाई किया जाना न्याय संगत नहीं माना जा रहा है. पुलिस के सामने कोई सवाल तो खड़ा नहीं कर सकता परंतु पीठ के पीछे जरूर सवाल उठ रहे हैं कि
जब बंद कमरे में युवक और युवतियां संग्धिगध रूप से बैठ पाए गए तो केवल युवकों 151/107,116(3) की कार्रवाई की गई परंतु युवतियों पर नरम रुख क्यों अपनाया गया ? युवतियों एवं महिला को उनके घर ना भेज कर “महिला सुधार गृह” “नारी निकेतन” भेजा जा सकता था. बंद कमरे में मिली युवतियों को कोई जबरन तो लाया नहीं होगा या वे क्या बगैर धनराशि प्राप्त हुए कमरे के अंदर नहीं गई होगी ? क्या वे युवतियां कुछ दिन के बाद उसी लक्ष्मी लॉज में फिर से नही आयेगी ? माना की पीटा एक्ट लागू नहीं है परंतु वे भी युवकों के काम में बराबर की साझेदार थी तो उन पर भी बराबर का अपराध कायम किया जाना चाहिए था कि नहीं ? रायगढ़ शहर में इसी तरह केकई मामलों में देखा गया है कि पुलिस युवतियों ,महिलाओं पर भी अपराध कायम कर अनुविभागीय अधिकारी के न्यायालय में पेश कर देती है. भले ही न्यायालय से उनको जमानत दे दी जाती है परंतु ऐसा करने से देह व्यवसाय की आशंका में पकड़ी गई युवतियो, महिलाओं में पुलिस एवं न्यायालय का डर बैठ जाया करता है. जिस वजह से पकड़ाई गई. कई स्त्रीलिंग ऐसे कार्य से तौबा कर लेती हैं और मेहनत मजदूरी करके कमाना खाना उचित समझने लगती है. पुलिस के द्वारा सरकारी वाहन में उनको घर तक छोड़कर आने से उनके हौसले बुलंद होंगे ना कि सुधरेंगे.