🥁टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम एन्यूज रायगढ़ 🌍 छत्तीसगढ़ 🏹.. रायगढ़ के हाई प्रोफाइल करोड़ों रुपए की ठगी के मामले में ग्राम जुड़डा निवासी उत्तम प्रधान के द्वारा बहुत पहले थाना चक्रधर नगर में असीम कृपा फाऊंडेशन NGO चलाने वाले एवं न्यूज़ चैनल के संवाददाता रणजीत चौहान निवासी डूमरपाली के खिलाफ 44 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने की जांच आवेदन दिया गया था. पुलिस के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की वजह से अंततः उत्तम प्रधान ने रायपुर पहुंचकर छत्तीसगढ़ राज्य के गृह मंत्री,पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर संभाग को शिकायत पत्र देते हुए न्याय दिलाने की खातिर आवेदन लगाया था. जिस पर संज्ञान लेते हुए. सभी जगह से कार्रवाई करने के आदेश पत्र जारी किए गए थे. इसके बावजूद भी पुलिस के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की वजह से उत्तम प्रधान को पुनः बिलासपुर पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय पहुंचकर नहीं करने के संबंध में बताया तो पुलिस महानिरीक्षक ने तुरंत मोबाइल से पुलिस अधीक्षक रायगढ़ को कार्रवाई करने का आदेश दिया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक रायगढ़ ने चक्रधर नगर थाना प्रभारी को आरोपी के विरुद्ध आवेदक की F I R दर्ज करने के आदेश दिए गए. पुलिस के द्वारा F I R दर्ज करने के समाचार मिलते ही रणजीत चौहान ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार ठाकुर के न्यायालय में अग्रिम जमानत आवेदन पेश करवाया गया. सरकारी अधिवक्ता वंदना केसरवानी ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया और इसे एक गंभीर अपराध कहा गया. दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस के बाद माननीय न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. इसके तुरंत बाद आरोपी रणजीत चौहान रायगढ़ से फरार हो गया और बिलासपुर उच्च न्यायालय की शरण में जाकर अग्रिम जमानत करवाने प्रयासरत है.
पुलिस ने दर्ज किया केवल 420 का मामला.. पुलिस के द्वारा महज 420 का मामला दर्ज किया गया. जबकि आरोपी के द्वारा सरकारी दस्तावेजों, सील, मोहर, हस्ताक्षर, आदि का दुरुपयोग किया गया एवं नौकरी का फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर भी दिया गया था. आरोपी के द्वारा दिए गए सभी एक दर्जन से ऊपर बैंकों के चेक भी बाउंस हो गए थे. यह सब एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आते हैं. सारे कागज चक्रधर नगर थाने में जमा किए जा चुके हैं. मगर केवल 420 की एकमात्र धारा लगाकर पुलिस ने इतिश्री कर ली है. आवेदक उत्तम प्रधान के वकील के द्वारा न्यायालय में आवेदन देकर अन्य धाराएं भी जुड़वाई जा सकती है.
पुलिस को कैसे चकमा देकर फरार हो गया आरोपी.. ठगी के बड़े-बड़े मामलों का पर्दाफाश कर अपनी पीठ थपथपाने वाली रायगढ़ पुलिस बिहार झारखंड बंगाल महाराष्ट्र आदि प्रांतों से ठगी करने वाले गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार कर प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश कर देती है और उसके बाद न्यायालय में पेश जेल भिजवा दिया जाता है. मगर रायगढ़ के ठगराज को हमदर्दी दिखाते हुए गिरफ्तार नहीं किया गया और उसे फरार होने दिया गया. रायगढ़ के व्यवसाई गर्ग हार्डवेयर के संचालक अनिल गर्ग के द्वारा भी चक्रधर नगर थाने में रणजीत चौहान के विरुद्ध 12 लाख रुपए ठगे जाने का आवेदन दिया जा चुका है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ के ही दो लोगों के द्वारा एवं कौवाताल गांव के एक व्यक्ति के द्वारा रणजीत चौहान के द्वारा ठगी करने एवं समाधान करने का आवेदन पत्र दिया गया है. अब सभी उत्तम प्रधान से सीख लेकर रायपुर और बिलासपुर जाकर अपनी शिकायत करने के मूड में है.
सिटी कोतवाली में भी है एक मामला.. शहर के सिटी कोतवाली में कमल उरांव नाम के युवक ने रणजीत चौहान के द्वारा उसे 6: 50 लाख रुपए ठगी करने का आवेदन पिछले दो वर्षों से धूल खा रहा था एवं कमल के आवेदन पर कार्रवाई नहीं करने की वजह से कमल ने मामला न्यायालय को सौंप दिया गया. पुलिस के द्वारा सफाई दी जा रही है कि मामला न्यायालय में होने की वजह से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. यहां पर यह प्रश्न उठता है कि पिछले दो वर्षों से जब मामला थाने में था तो पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जबकि पुलिस को पुलिस के आवेदन पर संज्ञान लेते हुए 420 का मामला दर्ज किया जाना चाहिए था. कमल ने कहा कि वह भी अब अपने साथ हुए अन्याय का न्याय मांगने के लिए गृह मंत्री,पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक के कार्यालय जाएगा और रणजीत चौहान पर 420 का मामला दर्ज करवायेगा. रणजीत चौहान के ऊपर 420 का मामला दर्ज होने के बाद अनेक पीड़ित सामने आकर अपने साथ ठगी के विषय में पुलिस में मामला दर्ज करवाएंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रणजीत चौहान के खिलाफ घरघोड़ा थाने में भी किसी वृद्धा से डेढ़ लाख रुपए ठगने का शिकायत पत्र दिया जा चुका है.