🥁टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹… रायगढ़ जिले में सैकड़ो लोगों के साथ असीम छाया एनजीओ में काम दिलाने,सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले नकली सरकारी दस्तावेज के सहारे “उत्तम प्रधान” को बैंक में नौकरी करने के नाम पर जाली हस्ताक्षर,सील,मुहर लगा नियुक्ति पत्र देने वाला रणजीत चौहान चक्रधर नगर थाने में 420 का मामला दर्ज होने के बाद न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी जिसे माननीय न्यायाधीश ने खारिज कर दिया था. जमानत अर्जी खारिज होते ही रणजीत चौहान और असीम छाया एनजीओ का दूसरा डायरेक्टर सुदीप मंडल जो की रणजीत चौहान के ठगी के मामले में बराबर का सहभागी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुदीप मंडल के पिता पान दुकान चलाते हैं एवं सुदीप पहले मछली काटा करता था. बाद में सड़क किनारे नाली के ऊपर बैठकर बैग बेचा करता था. अचानक से न जाने रणजीत और उसके बीच कैसी आंख मटक्का हुई कि दोनों दो जिस्म एक जान बन गए. जबकि सुदीप की पत्नी बच्चे है. इसके बावजूद वह रंजीत के मोहपाश में बंध गया और दोनों मिलकर मीडिया की आड़ में ठगी का धंधा शुरू कर दिए. ठगी के धंधे में जबरदस्त फायदा होने पर और ग्रामीणों के द्वारा चुप्पी साध लेने पर उनकी हिम्मत बढ़ते गई और वे और वे न जाने कैसा नार फांस करके औद्योगिक क्षेत्र में एनजीओ चलाने के नाम से कई दुकानें एलाट करवा लिए यह भी एक जांच का विषय है. फर्जी शासकीय दस्तावेजो का दुरुपयोग करने की वजह से इनके ऊपर गंभीर मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
बताया जा रहा है कि इन दोनों ने मिलकर महिला समितियों का भी लाखों रुपया हड़प लिया है. बहुत जल्दी ही महिला समितियों के द्वारा इनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी. पीड़ितों को ठगी का एहसास होने पर जब अपना पैसा वापस मांगना शुरू किया तो इन लोगों के द्वारा फर्जी चेक बांटना शुरू कर दिया. चेक बाउंस हो जाने पर इनके द्वारा फिर से चेक दिया जाने लगा. एक ही व्यक्ति को इनके द्वारा समय-समय पर फर्जी चेक देकर मामले को दबाने की कोशिश की जाती रही और पीड़ितों को अपने खाते में जमा 9 करोड़ 89 लाख रुपए जमा दिखा कर झांसा दिया जाता रहा. लगभग 4 वर्ष तक लोगों को इसी तरह बेवकूफ बनाया जाता रहा और अपने खिलाफ कारवाई होने से रोका गया. 44 लाख रुपए के ठगी का शिकार बने ग्राम जुड़ड़ा निवासी उत्तम प्रधान ने चक्रधर नगर थाने में अपने साथ हुई धोखा घड़ी का आवेदन दिया गया था. पुलिस विवेचना में देर होने की वजह से उत्तम प्रधान ने रायपुर,बिलासपुर का रुख कर गृह मंत्री,पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक को लिखित आवेदन देकर जल्द कार्रवाई करने का निवेदन किया था. इसके बाद भी कार्रवाई न होने पर उत्तम प्रधान पुनः बिलासपुर आईजी के पास जाकर गुहार लगाया तो आईजी ने रायगढ़ पुलिस अधीक्षक को मोबाइल से फोन कर उत्तम प्रधान की रिपोर्ट लिखने का आदेश दिया. जिस पर पुलिस अधीक्षक रायगढ़ ने संबंधित थानेदार को रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए.
रंजीत और उसका साथी सुदीप पुलिस कार्रवाई होने के डर से रायगढ़ से धर्मजयगढ़ और धर्मजयगढ़ से बिलासपुर होते हुए कोलकाता भाग गए हैं. चक्रधर नगर पुलिस इन दोनों की जन्म कुंडली खंगालने में जुट गई है. इन लोगों के द्वारा आत्मसमर्पण नहीं करने पर उनके परिजनों को थाने में बैठाया जा सकता है क्योंकि सरकारी दस्तावेजों की वजह से मामला बहुत संगीन हो गया है. बताया जा रहा है कि रायगढ़ कलेक्टर के द्वारा इनके एनजीओ का लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है एवं उद्योग विभाग की दुकानों को इनके कब्जे से मुक्त करवाया जा सकता है.
रंजीत के विरुद्ध अनेक लोग पुलिस में अपने साथ हुई ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने को सामने आने लगे हैं.
असीम छाया, मीडिया की आड़ में ठगी करने वाली जोड़ी के अनेक मामले हैं. जिसे प्रतिदिन नए मामले के साथ खुलासा किया जाएगा. क्रमशः