🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹… लगभग पिछले 1 सप्ताह से KIA SONET कार चक्रधर नगर थाना के चार दिवारी के भीतर खड़ी हुई है. जिस पर थाना के चक्कर काटने वाले मीडिया कर्मियों ने शायद जानबूझकर ध्यान नहीं दिया होगा. जबकि उक्त कार की फोटो हमारे द्वारा पहले ही वायरल कर दी गई थी. आज जब हम चक्रधर नगर थाने पहुंचे तो थाने में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं थे जबकि समय केवल सुबह के 11: 30 बजे थे. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति कितने ईमानदार हैं. भीषण गर्मी और तेज धूप में रिपोर्ट दर्ज करवाने पहुंचे पीड़ित अधिकारियों के नही होने की वजह से इधर-उधर भटकते नजर आए. हमने जब चहल कदमी करते हुए कर के नंबर को ध्यान से देखा तो हमें समझ में आ गया कि उक्त कार फरार ठग रंजीत चौहान की है. हमने जिज्ञासावस जाना ना चाहा कि उक्त कार कैसे खड़ी है ? क्या चक्रधर नगर पुलिस कार को लाकर खड़ी की है या फिर फरार होने से पूर्व रंजीत ने चक्रधर नगर थाना को सुरक्षित पार्किंग मानते हुए कार खड़ी कर फरार हो गया.
क्या कार की राजसात की कार्रवाई करेगी पुलिस… गरीब, ग्रामीण, दुखी, बेरोजगार, महिलाओं, युवतियों से ठगी कर उक्त कार खरीदी गई है. रंजीत चौहान की कार को ठगी का भागीदार सुदीप मंडल अपनी कार बताता है और ड्राइविंग भी स्वयं करता है. रंजीत और सुदीप की जोड़ी रायगढ़ जिले में जानी पहचानी हुई है. इन दोनों को कभी भी एक दूसरे से जुदा नहीं देखा गया है. अपने ठगी के कार्य को प्रभावशील बनाने के लिए ये दोनों उक्त कार से ही पूरा रायगढ़ जिला, सक्ती जिला,जशपुर जिला, जांजगीर जिला,बिलासपुर जिला के अतिरिक्त रायगढ़ की सीमा से सटे पड़ोसी राज्य उड़ीसा के सुंदरगढ़, बरगढ़, झारसुगुड़ा आदि जिलों में भी ठगी करने के लिए दौरा किया करते थे और उड़िया भाषा बोलकर उन्हें अपने जाल में फांस लेते थे. अभी इनके द्वारा ठगी किए गए लोगों का सामने आना बाकी है. इन लोगों ने सरकारी दस्तावेजों, सील, मोहर, हस्ताक्षर,लेटर पैड, आदि फर्जी तैयार कर भरपूर दुरुपयोग किया गया है. जबकि चक्रधर नगर पुलिस के द्वारा सामान्य धारा 420 कायम कर अपना पल्ला झाड़ लिया था. तब हमारे द्वारा सरकारी दस्तावेजों के विषय में बताए जाने पर पुलिस को मन मार कर 467, 468, 471, गैर जमानती धाराएं जोड़ी गई. उक्त धाराएं बहुत ही संवेदनशील है और आजीवन कारावास से भी बड़ा अपराध है.
रंजीत चौहान और सुदीप मंडल के ठगी के नेटवर्क में बड़े-बड़े रसूखदार, नेता,पत्रकार, वकील, आदि की सहभागिता भी पाई जा सकती है. पुलिस यदि ईमानदारी से अपने कर्तव्य का पालन करते हुए रंजीत को गिरफ्तार कर पुलिस डिमांड पर लेकर हिकमत अली से पूछताछ करें तो ठगी के बहुत बड़े अंतराज्यीय गैंग का खुलासा हो सकता है. पुलिस के द्वारा रंजीत चौहान को गिरफ्तार नहीं करना पुलिस की छिछालेदर का कारण बन रहा है. लोगों का विश्वास पुलिस पर से उठने लगा है. पान दुकानो, चाय दुकानों में पुलिस के विषय में तरह-तरह की बातें सुनने को मिल रही है.