छत्तीसगढ़ प्रदेश में नंबर वन की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है टूटी कलम वेब पोर्टल न्यूज़, जिसमें आप लोगों की सहभागिता है, टूटी कलम आप लोगों के सहयोग से विश्वसनीय, निष्पक्ष, निर्भीक,बेबाक पत्रकारिता के रूप में अपनी पहचान बना चुका है. हमारे समाचार चाटुकारिता,चापलूसी, कॉपी पेस्ट से काफी दूर होते है क्योंकि हम पेट भरने, उगाही करने, वसूली करने, धमकी चमकी देने, ब्लैकमेलिंग करने के लिए,पत्रकारिता नहीं करते हैं. हमारा मकसद सच्चाई को उजागर करना, जनहित में समाचार प्रसारित करना, समस्याओं की ओर सरकार एवं प्रशासन का ध्यान आकर्षण करवाना है.”परशुराम वंशज, रावण भक्त, चाणक्य से प्रेरित, माता सरस्वती का उपासक,कलम का मास्टरमाइंड “टिल्लू शर्मा “किसी के परिचय का मोहताज नहीं है. मैं जो भी लिखूंगा सच लिखूंगा सच के सिवा कुछ नहीं लिखूंगा.
🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹.. समय के साथ पूरी दुनिया में हर क्षेत्र में ऐतिहासिक और क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं. जो दिनों दिन आगे बढ़ते जा रहे हैं. जितने भी विज्ञान है. मेडिकल साइंस, कंप्यूटर साइंस, टेक्नोलॉजी, अभी सभी में विज्ञान ने डंका बजा दिया है. सबसे आगे गूगल है जिसमें पृथ्वी के उदय होने से लेकर अब तक एवं भविष्य की हर तरह की जानकारी आसानी से मिल जाया करती है. पूरी दुनिया को कंप्यूटर और मोबाइल के एक बटन पर देखा जा सकता है. मनुष्य की जेब में पड़ा हुआ मोबाइल पूरी दुनिया की जानकारी रखता है. इनके आने से अनगिनत वस्तुओं का चलन बंद हो चुका है. उदाहरण के लिए घड़ी, कैलकुलेटर, टेलीफोन,कैमरा, बूस्टर,एंटीना,चिट्ठी,टेलीग्राम,टॉर्च, रेडियो,आदि सरीखे असंख्य वस्तुऐं चलन से बाहर हो चुकी है या वेंटिलेटर पर अंतिम सांसे गिन रही है. दुनिया ने इतनी तरक्की कर ली है कि अब बस कंप्यूटर,मोबाइल, एलइडी टीवी से जीवित साक्षात मन चाहे मानव का बाहर निकलना बाकी रह गया है.
तो भला दुनिया को आगे बढ़ाने में औघड़ कैसे पीछे रहते… एक समय था जब मानव जाति औघड़ के नाम से डर जाया करते थे और उन्हें सामने देखकर या तो भाग जाया करते थे क्या छिप जाया करते थे या फिर उनके कहे अनुसार कार्य करने लगते थे. काला चोला, उलझे हुए लंबे-लंबे बाल, गले में हड्डी, अनेक तरह के पत्थरों की मोटी मोटी माला, शराब,गांजा के नशे में चूर,हाथों में मानव कपाल, कमंडल,माथे पर भस्म, इनकी पहचान हुआ करती थी. पैसा मांगने और नहीं देने पर तरह-तरह के श्राप दिए जाते थे ताकि लोग उनसे डर सके. इन कर्मों की वजह से लोग इनको अच्छी दृष्टि से नहीं देखा करते थे. जब इनके समझ में आया तो इन्होंने अपने अंदर परिवर्तन करना शुरू कर दिया. औघड़ को अघोर बोला जाने लगा. इन्होंने मानव सेवा की ओर ध्यान देना शुरू किया, विशेष कर पिछड़े हुए लोगों आदिवासियों के उत्थान के लिए स्वास्थ्य,शिक्षा, बुरी आदतों से दूर करने पर जोर दिया जाने लगा. शक्ति के पुंज इन लोगों ने तंत्र साधना,शमशान पूजा, शक्ति पूजा आदि के जरिए अपने अंदर एक अलग तरह की शक्ति समाहित की जाने लगी किंतु इनका दुरुपयोग नहीं किया जाता है. अपनी शक्तियों को मानव कल्याण में उपयोग करते हैं. बाबा कीना राम जी, कालूराम जी, राजेश्वर राम जी, भगवान राम जी, संभव राम जी, प्रियदर्शी राम जी, के विचारों से देश प्रभावित हुआ और मन में औघड़ के प्रति जो खराब विचार थे. उनकी जगह आस्था,सेवा,ने ले लिया. लोग अब इनके इशारों पर चलकर अपना जीवन सुधारने लगे हैं. मन में अघोर के प्रति आस्था होने पर हर समस्या, हर बीमारी, का समाधान बगैर किसी तंत्र, मंत्र,जंत्र, पूजा, पाठ,बगैर कुछ दिए अघोर आश्रम में आसानी से हो जाता है.