प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली, मतदाता सूची का प्रकाशन,चुनावी प्रक्रिया,रिटर्निंग अधिकारी, नामांकन,स्कूटनी,नाम वापसी,मतदान,मतों की गिनती,चुनाव परिणाम, प्रमाणपत्र आदि सभी प्रक्रियाओं से गुजरने पर ही प्रेस क्लब का चुनाव मान्य होगा। ऐसा न होने पर न्यायालय के दरवाजे खटखटाये जा सकते है।
प्रेस क्लब पर कब्जे का प्रयास, बिना चुनाव के फिर अपनों को पदों पर बैठाने की तैयारी
प्रेस क्लब रायगढ़ से संबंधित चर्चा सामने आ रही है कि हर बार की तरह इस बार भी प्रेस क्लब का चुनाव कराए बिना ही नए पदाधिकरियों की सूची जारी कर दी जाएगी? प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रेस क्लब रायगढ़ में पिछले 14 वर्षों से चुनाव के बिना ही पदाधिकारी बनकर बैठे हुए लोगो के विरुद्ध पिछले दिनों कलेक्टर रायगढ़, पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं बिलासपुर, मुख्य सचिव, संचालक जन संपर्क आदि को शिकायत की गई थी। जिसमे आरंभिक जांच शुरू हो सकती है इस बात की भनक लगने पर तथाकथित पत्रकार लोगो ने राजनीति करना शुरू कर दिया है जिसमें संभावना है कि तथाकथित पदाधिकारी बैठकर तय करेंगे कि पुरानी बॉडी को भंग कर दिया जाए और पहले की तरह नए लोगों को बिना चुनाव कराए पदाधिकारी बना दिया जाए इस प्रकार पत्रकारों के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन करके फिर से कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। कई पत्रकारों ने इससे विरोध जताते हुए कहा कि यदि इस खबर में रंचमात्र भी सच्चाई हुई और ऐसा हुआ तो इसका विरोध किया जाएगा उसके बाद भी नहीं माना गया तो माननीय न्यायालय की शरण ली जाएगी। वरिष्ठ पत्रकार साथियों ने युवा एवम् मतदाता सूची से वंचित पत्रकारों को बेहिचक सामने आने की अपील की है कि अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करें और प्रेस क्लब को पॉकेट क्लब बनाने की कोशिश को नाकाम करें।