हमारे देश मे हंसी,खुशी,मौज मस्ती बनी रहे। इसलिए आदिकाल से ही त्यौहार मनाने की परंपरा चली आ रही है। 3-4 माह काम करो और कमाकर 2-4 दिन मनोरंजन करो यही सिस्टम चला आ रहा है। एक सिक्के के दो पहलू होते है। प्रत्येक कार्य पल्स माइंस से परिपूर्ण होते है। धूप रहेगी तो छांव भी होगी। गर्मी पड़ेगी तो बारिश भी होगी। केवल एक तार के सहारे उजियारा नही हो सकता। इसी तरह यदि बुराई न हो तो इंसान अच्छा कार्य ही नही करेगा। होली का यह संदेश है कि अब गर्म पानी से नहाना बंद कर ठंडे पानी से नहाना चाहिए क्योंकि जिस तरह होली के जलने पर तपिस उतपन्न होती है। वही तपन आने वाले समय मे सूर्य भी उतपन्न करेगा। रंग इसलिए लगाया जाता है कि मनुष्य साल में एक बार रगड़ रगड़ कर नहाकर शरीर के मैलो को धो सके। जिसे लोग कुछ भी बोलने में संकोच करते है। उसको जमकर कर कालिख पोतकर बाहों में भरकर जी भर गालियां देकर भड़ास निकाली जा सकती है क्योंकि इस दिन सब माफी योग्य कहलाता है।