टूटी कलम रायगढ़- आज दोपहर सिटी कोतवाली में परम्परागत चुनिंदा पत्रकारों को फोन से सूचना देकर फोटो खिंचवाने के लिए बुलवाकर क्रिकेट सट्टे का खुलासा किया गया। जिसमें 4 बुकी को पकड़कर इस तरह से पेश किया गया मानो वे जन्नत फिल्म के इमरान हाशमी हो। बतलाया गया कि इन बुकी के पास से 1 करोड़ 35 लाख की सट्टा पट्टी,लगभग 4 लाख ₹ के उपकरण जिसमे 35 मोबाइल फोन,2लेपटॉप,2 टेबलेट,केलकुलेटर पेन ड्राइव,चार्जर,हेडफोन आदि एवं मात्र 35 हजार रुपये जप्त किये गए एवं उनपर मामूली सी धारा 4 क एवं धारा 109 लगाकर ससम्मान छोड़ दिया गया। क्यूंकि ये जमानतीय धाराएं है। जहां ऑन द सपाट मुचलका देने का प्रावधान है एवं मात्र 200 रुपये अर्थदंड लगाया जा सकता है।
बुकियों के पुलिस के द्वारा पकड़े जाने की खबर मिलते ही पुलिस की नजरों में स्वयं को उनका विश्वासपात्र बनने की ललक वाले मीडिया वाले इस तरह से इकठ्ठे हो गए मानो शहर में न 144 प्रभावशील है और न लाकडाउन है और न कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। प्रेस वार्ता के बाद समाचार को इस तरह से वायरल करने की होड़ मची की हर एक सेकेंड में समाचारो को वायरल कर सबसे तेज समाचार पोर्टल दिखलाने की मानसिकता ने जन्म ले लिया और पुलिस द्वारा पूर्व से टाईप किये गए समाचारो की कॉपी पेस्ट कर वायरल कर कोहराम मचा दिया गया।
मोबाईल फोन में नम्बर सेव रखना,बातें करना किसी अपराध की श्रेणी में नही आता। बड़े बुकियों के मोबाईल फोनों में जनप्रतिनिधियों, रशुखदारो,अधिकारीयो पुलिस वालों के नम्बर भी सेव होंगे तो क्या उनसे भी थाना बुलाकर पूछताछ की जायेगी। जावेद,चन्द्री,फारुख,वसीम आदि के नम्बर किस खाकी वाले के पास नही होगा। इसका क्या अर्थ निकाला जाना चाहिए। बरहाल ये जो ऑनलाइन सट्टा चल रहा है। उसे बंद करना असंभव ही नही नामुमकिन है।सक्ति का कोई अरुण अग्रवाल बिलासपुर सम्भाग का सबसे बड़ा बुकी माना जाता है परन्तु उसपर किसी भी किस्म की कार्रवाई न होना सेटिंग ही तो माना जायेगा। रेड होने से पहले ही विभागीय सूचना बड़े खाईवालों को या बड़े अपराधियो को पहले से कैसे मिल जाती है यह बच्चा बच्चा जानता है। जुआरियों,सटोरियों के दरबार मे माह में एक आध बार अपनी हाजिरी दर्ज करवाने वाले एवं गलबहियां करने वाले आसानी से देखे जा सकते है साथ ही इनके सफेदपोश आकाओं को भी आमद थानों में कार्यालयों में होती रहती है और किस वजह से होती है।यह बात बगैर लिखे भी समझी जा सकती है।इसके लिए जरूरी है पुलिस नाम की माला जपना छोड़कर अपने समाचारो, अपनी कलम को आग उगलने लायक बनानी पड़ेगी। जो बहुत कठिन होता है। इसके लिए स्वयं के अवैध कार्यो को छोड़ना,मुखबिर की तरह जी हुजूरी करना त्यागना पड़ेगा और आगे की पढ़ाई करनी होगी। वाइस टाइपिंग करना बंद करना पड़ेगा।