रायगढ़—- निगम प्रशासक राजेन्द्र कुमार गुप्ता ने अब अपने सख्त तेवर दिखलाने शुरू कर दिये है.
20 वर्षो में जो कार्य संभव नही हुऐ वे अब मूर्त रूप लेने लगे है सब्जी मंडी संजय काम्प्लेक्स का जो रूप आज दिख रहा है.इसके लिये कितने कलेक्टर,कमिश्नर, अनुविभागीय अधिकारी आये और चले गये. जब जब सब्जी मंडी के कायाकल्प पर कार्यवाही करने की जरा भी कोशिश की गई तब तब रशुख एवं चंद लोलुप किस्म के गोदाम धारियों ने उच्च न्यायालय का सहारा लेकर अपने हितार्थ सब्जी मंडी को व्यवस्थित होने रोड़ा अटका दिया.
अपनी पदस्थापना के बाद से खामोशी की चादर ओढ़े निगम आयुक्त ने पूरे शहर के राजनीतिक रशुखो का मनन कर,सकारात्मक समय आते ही संजय काम्प्लेक्स में बुलडोजर चलवाकर अपनी राजनीति की रोटी सेकने वालो को बगैर कोई मौका दिये मंडी का चौड़ीकरण करवा, बंद पड़ी,नाली नालों की साफ-सफाई के साथ कीटनाशक दवा का भी छिड़काव करवा दिये.अब जो एक तरफ का अतिक्रमण एवं पसरे बनाने की जो योजना है उसे भी मौका देखकर चौका मारने की तर्ज पर क्रियान्वित कर दिया जायेगा.
दशकों से गोपी टाकीज मार्ग पर नाली के ऊपर का लाखो ₹ किराया अदा कर व्यापार कर रहे बैग,कपड़े,नाश्ते की गुमटियों को नेस्तनाबूद कर सड़क किनारे पौधे रोपण कर शह मात का खेल आजीवन खत्म आयुक्त ने अपने ईमानदार,कर्तव्यनिष्ठ होने का प्रमाण पेश कर एक मिसाल कायम कर दी.अपने कर्तव्य के आगे लक्ष्मी से सौदा नही किया.अगर वे स्वयं हित के विषय पर ध्यान देते तो लाखों का नजराना पहुंच गया होता.रशुखदारो को निगम कमिश्नर को काफी हल्के में लेना भारी पड़ गया.
वार्ड क्रमांक 19 के भाजपा पार्षद महेश कंकरवाल ने न जाने किससे प्रेरित होकर शहर की सुंदरता की दिशा में हो रहे कार्य का विरोध कर बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया.मगर पौधे रोपण के लिये आये जिला कलेक्टर यशवंत कुमार,पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह, अतिरिक्त कलेक्टर राजेन्द्र कटारा,जिला पंचायत सी.ई. ओ. ऋचा चौधरी,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिंज (यातायात),अनुविभागीय अधिकारी आशीष देवांगन,आदि आलाअधिकारियों को देखकर पार्षद ने चुप्पी साध लेने में ही अपनी भलाई समझी क्योंकि पौधा रोपण अधिकारियों के द्वारा उनके नाम पर किया जाना था.सभी अधिकारियों ने अपने नाम पर पौधे लगाये गये. इन पौधों को सुरक्षित रखने हेतु बकायदा लोहे की जालियां लगाई गई एवं रोजाना पानी एवं समय पर खाद देने हेतु सफाई कामगारों को आदेशित किया गया.
नाली के पास पौधे रोपण करने पर पीछे की जमीन मालिको ने अपनी आपत्ति जतलाई तो कलेक्टर एवं युवा तेजतर्रार एस. डी.एम. ने भू स्वामी को उनकी जमीन का सीमांकन, नाप जोख करवाने का आश्वासन दिया.उनकी बाउंड्रीवाल के बाहर लगे आधे दर्जन बड़े बड़े होर्डिंग का लाखो रुपये किराया कौन ले रहा है इसकी जानकारी लेने की जिज्ञासा पूरे शहर वासियों को है.दशकों के हिसाब से देखा जाये तो मामला कई करोड़ के किराये का हो सकता है.
अब बारी है मध्य के पक्के निर्माण को धाराशाई करने की,अगल बगल से फुटपाथों से अतिक्रमण हटाने के बाद बीच मे बने पक्के निर्माण को तोड़ने का मंसूबा जिला प्रशासन, निगम प्रशासन ने बना लिया है.यहां भी सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर लाखो रुपये का किराया वसूला जा रहा है.अब यह वैध है कि अवैध इसे प्रशासन समझे मगर वैध है तो न्यायालय का स्थगन आदेश लाने की जरूरत जमीन मालिक को पड़ेगी यह भी सोचनीय है.मगर यह सच है कि धनबल से हर लड़ाई नही जीती जा सकती.आज नही तो कल धनबल हारेगा ही हारेगा.
