टूटी कलम समाचार— प्रदेश में विगत 20 वर्षों से उठ रही अलग-अलग जिला बनाने की मांग पर 15 अगस्त के दिन प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने 4 नये जिले बनाने की घोषणा कर दी। जिसके बाद नए जिले के लिए संघर्षरत लोगो मे खुशी का जुनून सा छा गया एवं बनने वाले सम्भावित जिला मुख्यालयो में जनसैलाब सड़को पर उमड़ पड़ा, गुलाल,पटाखों,ढ़ोल, नगाड़े,बाजो से होली-दीपावली सा माहौल बन गया। लोग एक दुसरो के पैर छूकर,गले लगकर बधाइयां देने लगे। शहरों की सभी होटलो से सारी मिठाईयां मुंह मीठा करवाने की होड़ में खत्म हो गई। युवाओ की टोलियां कारो, मोटरसाइकिलो पर सवार होकर नारे लगाते,खुशियां मनाते शहर की सड़कों पर रैली की शक्ल में निकल पड़े। पक्ष-विपक्ष के लोग अपना श्रेय लेने की होड़ में प्रतिस्पर्धी बन कर अपने अपने कार्यो ,संघर्षों को बढ़ा चढ़ा कर बतलाने से नही चूक रहे। लोगो मे इतनी खुशी है कि वे जिला बनाने की घोषणा मात्र पर फूले नही समा रहे है। टूटी कलम समाचार
आसान काम नही होगा,नये जिलो का निर्माण— केवल घोषणा मात्र से जिला नही बन जायेगा ? इसके लिए क्षेत्रफल,जनसँख्या,तहसील पर आंकलन, परिसीमन किया जायेगा। कार्यालयों,निवास स्थानों के लिए जमीनें अधिग्रहित कर निर्माण कार्य किये जाने होंगे। कलेक्टर से लेकर चपरासी तक,पुलिस अधीक्षक से लेकर अर्दली तक,न्यायाधीश से लेकर दरबान तक सभी विभागों में अधिकारीयो से लेकर भृत्य तक कि बहुत बड़ी व्यवस्था बैठानी होगी। आबकारी अधिकारी, शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत आदि लगभग 90 विभागों के अधिकारीयो के बंगले,कार्यालय बनवाना कोई कम आसान कार्य न होगा। टूटी कलम समाचार
अभी तो मात्र घोषणा की औपचारिकता निभाई गई है— ठीक उसी तरह से की प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की जायेगी,कोई बेरोजगार नही रहेगा। 15 लाख रुपये सबके खाते में आ जायेंगे, काला धन सात दिनों में वापस आ जायेगा,कैशलेस इंडिया होगा,बिजली बिल हाफ होगा,गौ माताओं को गौठानो में रखा जाएगा,मुख्यमंत्री का ढ़ाई ढ़ाई साल का फार्मूला होगा, आदि ,आदि पूर्व में की गई केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार की घोषणाओं पर दृष्टिपात किया जाये तो हम ठगे से महसूस कर सकते है मगर कर कुछ नही सकते। अगर इसी तरह जिले बनाने की घोषणा मात्र घोषणा साबित हो जाने पर जिले की आस लगाए लोगो के दिलो दिमाग पर तुषारापात हो सकता है। टूटी कलम समाचार
रायगढ़ में उठ सकती है कमिश्नरी (संभाग) की मांग –रायगढ़ जिला से अलग कर जशपुर जिला अलग बनाया गया। अब सारंगढ को जिला बनाने की घोषणा की गई है। हो सकता है आने वाले समय मे पत्थलगांव को भी जिला बनाने की घोषणा कर दी जाए तो एक हिसाब से कमिश्नरी (संभाग) रायगढ़ को मिल सकती है। जिसके लिए रायगढ़ जिले के वासियो को संभाग की मांग को लेकर अभी से ही संघर्ष शुरू कर देने होंगे ताकि जब कभी भी तत्कालीन मुख्यमंत्री का जब भी मन चाहेगा रायगढ़ को संभाग बनाने की घोषणा करने में किसी भी किस्म की परेशानी,विरोध का सामना न करना पड़ेगा । सन 1956 मे छत्तीसगढ़ में मात्र 6 जिले एवँ 3 संभाग थे। अब जबकि 2021 में 32 जिले बन चुके है एवं संभाग केवल 5 ही है। इस दृष्टि एवं अनुपात के गणित में रायगढ़ जिले को रायगढ़ संभाग बनाने में कतई परेशानी उतपन्न नही होगी। टूटी कलम समाचार
अभी दिल्ली बहुत दूर है–केवल जिला बनाने की घोषणा मात्र से अति उत्साहित होना ठीक नही है। जब इस घोषणा पर क्रियान्वयन होना शुरू होकर पूरी हो जाये तब बाँछे खिला देनी चाहिए। टूटी कलम समाचार
अंत मे सबसे कठिन समस्या—- बनाये जाने वाले जिलों बिलाईगढ़-सारंगढ, मोहला- मानपुर के जिला मुख्यालय क्या ? बिलाईगढ़, मोहला हो सकते है ?