रायगढ़ में गैंगरेप @ शहर के दो धनाढ्य और संभ्रांत परिवार के युवक- युवती जंगल में कर रहे थे टाइम पास , इसी बीच आधा दर्जन आरोपियों ने युवती को बनाया शिकार, गैंगरेप में शामिल दो मासूमों को मिल गई जमानत…

टूटी कलम रायगढ़… रायगढ़ के दो संभ्रांत एवं धनाढ्य परिवार के स्वच्छंद विचरित करने वाले युवक-युवती जब जंगल में अपना वक्त गुजार रहे थे इस दौरान मौके की ताक में बैठे लगभग आधा दर्जन अपराधी तत्व के लोग वहां पहुंचे और युवक को किनारे कर युवती के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दे दिया। टूटी कलम समाचार
हैरानी इस बात की है कि 2-4 पाव शराब या लड़की से छींटाकशी अथवा मारपीट के ऐसे सभी मामले पुलिस की डायरी से होते हुए अखबारों के पन्नों और डिजिटल मीडिया के स्क्रीन पर तत्काल नजर आते हैं, लेकिन शहर की इतनी बड़ी एवं हैरान कर देने वाली घटना महज पुलिस की डायरी में ही सिमट कर रह गई। रोजाना शाम को पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से जारी क्राइम की खबरों में यह खबर सप्ताह बीतने के बाद भी आज तलक गायब है। शायद शहर के धनाढ्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाले इस गैंग रेप जैसी घटना और जघन्य अपराध को पुलिस की ओर से भी अपनी डायरी में ही समेट दिया गया। अन्यथा शहर वासियों को अवेयर करने के लिहाज से ही सही, इस अपराध की जानकारी मीडिया के माध्यम से शहर वासियों को दिया जाना चाहिए था। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि पुलिस की ओर से केवल अपने रुचिकर समाचारों को ही मीडिया के पन्नों तक आने दिया जाता है अन्य घटनाओं को न तो मीडिया कवर कर पाती है और ना ही पुलिस की ओर से उसे उपलब्ध कराया जाता है। ऐसा प्रतीत हो रहा है पुलिस ने रोजाना शाम को जिले भर के थानों से संबंधित (छांटे गए किस घटना को प्रकाशित करवाना है और किसे नहीं ) अपराध की लिस्टिंग कर मीडिया को सहज रूप से उपलब्ध करा दी जाती है और यही कारण है कि मीडिया के सोर्सेेेस ऐसे घटनाक्रमों का पता लगाने में कमजोर हो गए हैं या अब पुलिस पर ही डिपेंड हो गए हैं कि उनकी ओर से जो बताया जाएगा बस इतना ही है और कुछ नहीं…। टूटी कलम समाचार
न तो पुलिस को गस्त की चिंता और ना ही पेरेंट्स को अपने बच्चों की परवाह
रायगढ़ का मेडिकल कॉलेज रोड एवं इंदिरा विहार सहित ऐसे अन्य कई क्षेत्र हैं जहां दोपहर और शाम की ढलान अवस्था पर न केवल युवक-युवतियां बल्कि नाबालिग जोड़े भी सड़कों के किनारे अथवा झुरमुट और झाड़ियों में देखे जाते हैं। इनके लिए सुरक्षित लगने वाले यह स्थल वास्तव में बेहद असुरक्षित है। ऐसे मौकों का फायदा उठाते हुए आपराधिक तत्व के लोग सक्रिय होते हैं और गैंगरेप जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। रायगढ़ के ऐसे स्थानों पर आए दिन लूटपाट और ब्लैकमेलिंग की घटनाएं होती रहती हैं । इनमें से शायद ही कुछ घटनाएं थाने तक पहुंचती है जबकि अधिकांश घटनाओं को पीड़ित पक्ष कड़वा घूंट समझकर पी जाता है। टूटी कलम समाचार
बिंजकोट में हुई यह बड़ी वारदात
रायगढ़ के मेडिकल कॉलेज रोड पर बिंजकोट नाम का एक फॉरेस्ट एरिया है जहां अधिकांश तौर पर युवक युवतियां सैर सपाटा के लिए एकांत भाव से जाना पसंद करते हैं। कपल की कुछ बेजा हरकतों को भांपते उनका वीडियो बनाते हुए अपराधिक तत्वों के लोग इन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं जिसका नतीजा या तो लूट रेप या गैंगरेप हो सकता है। टूटी कलम समाचार
इस घटना के बाद भी पुलिस और शहर वासियों की ओर से नहीं लिया जा रहा सबक
इस खबर को प्रकाशित करने का उद्देश्य पीड़ित पक्ष, वर्ग, शहर अथवा पुलिस पर आक्षेप और कटाक्ष करना नहीं है, बल्कि इसका असल उद्देश्य यह है कि इस घटना के घटित होने के बावजूद ऐसी परिस्थितियां आज भी लगातार बनी हुई हैं जो इस प्रकार की अन्य बड़ी घटनाओं को दोबारा अंजाम देने के लिए पर्याप्त है। आज भी मेडिकल कॉलेज रोड, गढ़ उमरिया रोड, इन्दिरविहार रोड, रोज गार्डन सहित अन्य स्थलों पर न तो पुलिस का पहरा है और ना ही नौजवान और नाबालिग जोडे वहां एकांतवास के लिए जाने से परहेज कर रहे हैं। इस गैंगरेप की घटना से शायद किसी ने भी सबक नहीं लिया। इसलिए यह लापरवाही ऐसी घटनाओं को दोबारा अंजाम देने के लिए अपराधी तत्वों के सामने खुला आमंत्रण देती प्रतीत हो रही है। टूटी कलम समाचार
दो अपचारी बालकों को मिल गई जमानत
ऐसी चर्चा है कि इस गैंगरेप की वारदात में आरोपी युवकों के साथ दो नाबालिक लड़के भी शामिल थे। ऐसे में पुलिस की ओर से सभी आरोपियों की गिरफ्तारी भी कर ली गई और घटना से जुड़े दो अपचारी बालकों की जमानत भी हो गई। टूटी कलम समाचार
सूत्र यह बतलाते है कि आलीशान बंगलो,फार्महाउस, होटलो को छोड़कर ये युवक युवतियों ने जंगल मे मंगल करने का मूड बनाकर घरवालों की आंखों में धूल झोंककर निर्जन जंगल मे जा पहुंचे। जहां प्रणय लीला शुरू कर दी गई परन्तु पहले से घात लगाए बैठे सस्त्र ग्रामीण युवकों ने शहरी युवकों की पहले तो जमकर धुलाई की फिर प्रेमी के सामने ही गैंगरेप का सिलसिला शुरू कर दिया। शहरी युवती के साथ कितने लोगों ने जबरदस्ती की यह तो हवस का शिकार बनी युवती को भी नही मालूम होगा क्योंकि रेप के बाद युवती बेहोंश हो गई थी। जिसके बाद भी रेप का सिलसिला चलता रहा। आसपास के ग्रामीणों को खबर लगने के बाद कई और लोग भी बहती गंगा में हाँथ धोने से पंहुचे थे । इस घटना की मौखिक सूचना मात्र लूटपाट होने की देकर लक्ष्मी देवी के सहारे पूरा मामला हवा में उड़ा दिया गया फिर ग्रामीण युवकों को बुला बुला कर पिटवाया गया और धनाढ्य आशिक को इलाज के नाम पर शहर से बाहर भेज दिया गया । मामला इसलिए भी दबाया गया कि भविष्य में युवती की शादी के समय यह घटना उजागर न हो। टूटी कलम समाचार
बरहाल उक्त घटना सूत्रों के हवाले से है मगर पुष्ट होने पर हमारा पुख्ता दावा नही है। पुष्टिकरण के लिए हमारे उच्च स्तरीय प्रयास निरंतर जारी है एवं उक्त घटित घटना के लिए ग्रामीणों के कथनों को टटोला जा रहा है। टूटी कलम समाचार
पुलिस को कटघरे में खड़े करना औचित्यहीन है….किसी भी असफल मामले पर पुलिस पर व्यंगबाण चलाना स्वच्छ मानसिकता नही है क्योंकि एक तो बल की कमी है। ऊपर से राजनीतिक दबाव में रहकर कार्य करना मानसिक यंत्रणा होती है फिर पुलिस का कार्य नही की जंगल जंगल भटके,द्वार द्वार तक पहुंचे। व्यक्ति की स्वयं की जिमेवारी होती है कि वे अपनी रक्षा, सुरक्षा स्वयं करें। पुलिस ही एक ऐसा विभाग है। जिसे अन्य 90 विभागों का कार्य भी निश्चित वेतनमान पर करना पड़ता है। 24×7 कार्य करने पर भी पुलिस को कोई अतिरिक्त पारिश्रमिक नही दिया जाता। खाद्य,आबकारी,खनिज,,वन आदि जैसे चांदी काटने वाले विभागों का कार्य भी पुलिस के मत्थे मढ़ देना सही न्याय नही है। टूटी कलम समाचार