टूटी कलम समाचार विश्लेषण… जैसे जैसे विधानसभा चुनाव निकट आते जा रहे है। वैसे वैसे कांग्रेस में एकता एवं भाजपा में आपसी मतभेद उभरकर सामने आने लगे है। भाजपा में अनुशासन हीनता का कोई पैमाना नही रह गया है। पार्टी के सारे घटक अपने अपने तरीके से बगैर संगठन की सहमति के प्रत्येक मामलो में एक दूसरे से आगे निकलकर नीचा दिखाने में कोई कमी कसर नही छोड़ रहे है। टूटी कलम समाचार
जिला भाजपा अध्यक्ष की पूछ परख दिनों दिन घटती जा रही है। जिसका प्रमुख कारण अध्यक्ष की पूर्ण व्यवसाइक नीतियां है। जो नही चाहते कि उनके किसी भी तरह के विरोध,धरना,प्रदर्शन आदि के कारण उनके व्यवसाय पर कोई दुष्प्रभाव पड़ जाये। उनकी कांग्रेसियों से जुगलबंदी की चर्चा अब आम होने लगी है। पिछले कई सालों से अपनी ही पार्टी का विरोध कर नशामुक्ति अभियान चलाकर तत्कालीन बी जे पी सरकार का ध्यानाकर्षण महज इसलिए करवाया जा रहा था कि विधायकी की टिकट की प्रबल दावेदारी पेश की जा सके परन्तु जिले के कद्दावर नेता स्व.रोशनलाल के आगे सारे धनबल, नशामुक्ति पूरी तरह से फ्लाप हो गये एवं लौट के बुद्धहु घर को आ गये। उस चुनाव में भीतरी घात के कारण स्व.रोशनलाल को शहरी वोटो से पिछड़ कर हार मिली थी। राजनीति के चाणक्य रोशनलाल ने पराजय स्वीकारते हुए अपना दांव फेक दिया। जिला भाजपा अध्यक्ष बनवाने में रोशनलाल की मौन स्वीकृति से नये जिला अध्यक्ष बनवाकर अपनी हार का बदला भंजा लिया। भाजपा विपक्ष में आ गई एवं भाजपा अध्यक्ष के नेतृत्व में लड़े गए,निगम,पंचायत आदि सभी चुनावो में भाजपा को बुरी तरह से मुंह की खानी पड़ी। जिस वजह से भाजपा अध्यक्ष की साख प्रदेश स्तर पर काफी घट गई एवं उनके विधानसभा चुनाव लड़कर विधायक बनने का मार्ग हमेशा हमेशा के लिये बंद करवा दिए गए। अब यदि विधायकी की दावेदारी करे भी तो किस आधार पर करे ? टूटी कलम समाचार
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता ओ पी चौधरी के खरसिया विधानसभा का चुनाव हारने का दोषी भी भाजपा अध्यक्ष को माना जाता है। वोटिंग से ठीक पहले ग्राम बुनगा में हुई मारपीट,बलवा के कारण से भाजपा को मिलने वाले वोट कांग्रेस को मिल गए। कभी महिला मोर्चा की टीम को निजी बस से रायपुर ले जाकर शक्ति प्रदर्शन करना,नशामुक्ति अभियान चलाना,हनुमान चालीसा का पाठ करवाना आदि जैसे कार्यक्रमो का बंद कर दिया जाना कहीं न कहीं स्वयं सिद्धि माना जाकर कांग्रेसियों से निकटता भी माना जाता है। टूटी कलम समाचार
केवल ओमप्रकाश चौधरी,पूनम सोलंकी की सक्रियता के कारण भाजपा का चुनाव जीतना संभव नही हो पायेगा। दूसरी तरफ भाजपा की रीढ़ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भाजयुमो में गुटबाजी चरम पर है। जिसका प्रमाण हर एक दो दिन में देखने को मिल जायेगा। इस तरह का आलम पूरे जिले में उभर कर सामने आने लगे है। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला भाजपा अध्यक्ष की कोई पकड़ नही रह गई है। फिलहाल जिला भाजपा में ऐसे कोई कद्दावर चेहरे सामने नही है कि जिसपर दांव लगाकर रायगढ़ जिले की पांचों विधानसभा पर जीतने की दावेदारी पुख्ता की जा सके। टूटी कलम समाचार