टूटी कलम विश्लेषण… NCRB की रिपोर्ट ने छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे अपराधों को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। जिसने हत्या,डकैती,दुष्कर्म, बलवा आदि सभी मामलों में प्रदेश की स्थिति बिहार से आगे निकलने वाली बताई गई है। जो कि आश्चर्य चकित कर देने वाली कतई नही मानी जानी चाहिए क्योंकि नया प्रदेश एवं उद्योगों के लिए उपयुक्त होने के कारणों से देश के सभी प्रांतों के उद्योग पतियो ने छत्तीसगढ़ का रुख किया है और कर रहे है। उद्योगों को स्थापित करवाने में प्रदेश सरकार का नरम रुख रहा है सांथ ही छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों की गिनती देश भर में सबसे शांत,ठंडे,शालीन लोगो मे प्रथम पायदान पर होती है। इस प्रदेश के लोगो मे छोटे-बड़े,जात- पात,अमीर-गरीब,शोषक-प्रताड़ित में फर्क महसूस नही किया जाता। अन्य प्रांतों से आने वाले लोगो को यहां पर सर आंखों पर बैठाकर खूब आदर सत्कार कर अतिथि देवो भवो बना दिया जाता है। सरकार भी अप्रवासीयो का पूरा ख्याल रखकर जमीन,मकान,रोजगार अविलंब उपलब्ध करवा कर,आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्रायविंग लाइसेंस, आयुष्मान कार्ड आदि सभी सुख सुविधा दिए जाने वाले दस्तावेज चंद रुपयों के खर्च करने पर आसानी से उपलब्ध करवा देती है। जिस वजह से प्रदेश की जनसंख्या में रिकार्डतोड़ इजाफा हो रहा है। टूटी कलम समाचार

नेताओ की अहम भूमिका है बाहरी लोगों को बुलवाने में—-प्रायः यह देखने सुनने में आता है कि नेताओ के द्वारा धन खर्च कर बिहार,बंगाल,ओड़िसा,मध्यप्रदेश आदि जगहों से चुनावो के समय बाहुबलियों को बुलवाकर भय का माहौल तैयार किया जाता है एवं बाहर से आने वाले अपराधी तत्व यह भांप लेते है कि छत्तीसगढ़ के लोग निहायत दब्बू किस्म के है। इसलिए वे बाद में अपना ठिकाना छत्तीसगढ़ को बना लेते है । टूटी कलम समाचार

लोगो मे एकता की कमी कामचोरी की आदत—-नेताओ ने प्रदेश के लोगो को कामचोर, आलसी बना दिया है। जिसका कारण मुफ्त अनाज,पेंशन एवँ दी जाने वाली अन्य सुविधाएं है। प्रदेश के मूलनिवासियों में एकता की कमी बहुत बड़ा कारण है। उद्योगों में छत्तीसगढ़ के आलसी एवँ कामचोर लोगो को रोजगार न देकर अन्य प्रांतों से मजदूर बुलाकर काम पर रखे जाते है। पुल पुलिया,सड़क आदि के निर्माण के लिए ठेकेदार भी बाहर से मजदूर बुलवाकर कार्य करवाते है। उद्योगों में बाहर से काम करने आये लोगो का कोई पुलिस वेरिफिकेशन न किया जाना एक तरह से बढ़ावा देना होता है। बाहर से आये लोग रैकी कर अपने सांथियो को अपराधों को अंजाम देने बुला लेते है। जो घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते है। इसके लिए न सरकार दोषी है और न पुलिस दोषी है। दोषी हम स्वयं है कि हमारे काम करने की वजह से अन्य प्रांतों के लोग आकर काम कर यहीं के होकर रह जाते है। टूटी कलम समाचार