उसरौठ और तारापुर में धड़ल्ले से चल रहा रेत का अवैध उत्खनन व परिवहन , पोकलेन और जेसीबी लगाकर चीरा जा रहा मांड नदी का सीना
रायगढ़। मांड नदी में इन दिनों खनिज माफियाओं की ओर से छलनी की जा रही है। उसरौट और तारापुर में पोकलेन और जेसीबी लगाकर यह अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जिसकी जानकारी राजनैतिक आकाओं से लेकर जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों को भी है।
लॉक डाउन गरीबो पर लागू के लिए है यहां राजनीतिक संरक्षण में खनिज माफिया रिश्तेदारी को कर रहे मजबूत
एक नमो देशभक्त, दूसरा नमो तस्करो का सरदार, रेत की तस्करी में बड़ा है इसका नाम
नदी के रेत उत्खनन मैं संलिप्त खनिज माफियाओं के बीच नमो का सिक्का चलता है… आखिर यह नमो है कौन… ? क्या इसका का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड है…? इसके सर पर किसका हाथ है…? ऐसे कई सवाल हैं जो कार्रवाई करने से पहले अधिकारियों के कदम रोक देते हैं…।
हर दिन सैकड़ो ट्रेलर निकाली जा रही रेत…
तारापुर और उसरौठ में रोजाना सैकड़ो ट्रेलर रेत निकाली जा रही है । ट्रेलर,डंपर वाहनों को आसपास के गांवों में छिपाकर रखा जाता है और जब पोकलेन के माध्यम से पर्याप्त रेप एकत्रित कर ली जाती है तो इन वाहनों को नदी के किनारे पर लगा कर उतखनन की गई रेत को भरकर आसपास के उद्योगों और रायगढ़ में चल रहे वाटर मिशन सहित अन्य कार्यों के लिए इस अवैध रेत की सप्लाई कर दी जाती है।
शिकायत पर पहुंचा खनिज विभाग लेकिन बैरंग लौटा
खनिज विभाग और इन खनिज माफियाओं कि क्या सांठगांठ है इस बात को कोई नहीं समझ सकता। इधर शिकायत हुई नहीं कि उधर खनिज माफिया मौके से गायब हो जाते है… ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि खनिज विभाग के कमाई पूतो की ओर से कहा जा रहा है। अब ऐसे में इन खनिज तस्करों पर नकेल कौन करेगा ? राजनीतिक पहुंच और प्रशासनिक हील हवाला में इन खनिज तस्करों के हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं। तस्करों की यही हौसले कभी-कभार प्रशासनिक टीम के लिए मुश्किल खड़ी कर देते हैं। आपको याद होगा कि सारंगढ़ थाना क्षेत्र के टीमरलगा में खनिज तस्कर अमृत पटेल ने प्रशासनिक टीम पर हमला कर दिया था। यह खनिज तस्कर उसी भस्मासुर के समान है जो पहले राजनीतिक लोगों और अधिकारियों से वरदान प्राप्त करते हैं और फिर उन्हीं को भस्म करने के लिए उन पर गाड़ियां चढ़ा देते हैं।
अंत मे सबसे बड़ा प्रश्न ??????क्यों नहीं बनाई गई उत्खनन की गई रेत की जप्ती
खनिज विभाग एक ओर कार्यवाही की बात कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर जब खनिज अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्हें उत्खनन की गई रेत बड़ी संख्या में मिली… यदि यह मान भी लिया जाए कि तस्कर वहां से भाग चुका था सभी गाड़ियां रफूचक्कर हो चुकी थी तो वहां पर सैकड़ों टन लावारिस अवस्था में पड़े रेत की जब्ती क्यों नहीं बनाई गई।
