🔭 टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा का तबादला राधागांव कर दिया गया है और उनके स्थान पर भी सदानंद को रायगढ़ जिले का पुलिस अधीक्षक बनाकर भेजा जा रहा है। मीणा के स्थानांतरण की खबर सुनकर रायगढ़ जिले के सभी थानों में अफरा तफरी, हड़कंप, अनिश्चितता का माहौल निर्मित हो चुका है है। सबसे ज्यादा बेचैनियां उन थाना प्रभारियों की बढ़ गई है जो अभी कुछ दिन पहले ही थाना प्रभारी बनाए गए हैं एवं साथ ही जिन थानों में सब उपनिरीक्षक थानेदार पद पर सुशोभित है। अक्सर यही होता है कि नए अधिकारी आने के बाद व्यापक परिवर्तन किया जाता है। अब चौकी पी सदानंद रायगढ़ जिले के पुलिस कप्तान है तो वह अपने मनानुसार अपनी फिल्डिंग जमाएंगे। लगता है कि नए पुलिस अधीक्षक रायगढ़ जिले के सभी थानों में आमूलचूल परिवर्तन करेंगे।
प्रभावित होने वाले थानेदारों में सीटी कोतवाली प्रभारी, कोतरा रोड थाना प्रभारी, चक्रधर नगर थाना प्रभारी, जूट मिल थाना प्रभारी, भूपदेवपुर थाना प्रभारी, पूंजीपथरा थाना प्रभारी, खरसिया थाना प्रभारी, लैलूंगा थाना प्रभारी, घरघोड़ा थाना प्रभारी, धर्मजयगढ़ थाना प्रभारी, पुसौर थाना प्रभारी आदि हो सकते हैं। सदानंद अपने कमाऊ मोहरो को उक्त थानों की जिम्मेवारी सौंप सकते हैं।
बहुत बड़ी चुनौतियों से निपटना होगा पी सदानंद को नव आगंतुक पुलिस अधीक्षक सदानंद को पूरे जिले भर में पुलिस विभाग में आमूलचूल परिवर्तन का चुनौतियों से निपटना होगा। बहुत लंबे समय से जिले में कोयला, कबाड़, जुआ, सट्टा, गांजा,शराब आदि पर कोई बड़ी कार्रवाई पुलिस के द्वारा नहीं की गई है जिस वजह से आमजन के बीच में मन में पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना ने जन्म ले लिया है। शहर की बिगड़ी हुई यातायात व्यवस्था पर कोई ठोस निर्णय अब तक नहीं लिया जा सका है। अनियंत्रित तेज रफ्तार मोडिफाइड साइलेंसर युक्त दोपहिया वाहनों का प्रचलन पुलिस के मौन रहने से बढ़ रहा है। शहर के भीतर चारों दिशाओं में युवकों के द्वारा मोटरसाइकिल रेस लगाई जाती है एवं दुपहिया वाहन में तीन सवारी चार सवारी चलना आम बात हो चुकी है। इस कार्य में युवतीयां भी पीछे नहीं है। नाबालिगों के द्वारा वाहन चलाना एक सामान्य बात हो चुकी है। उड़ीसा सीमा से सटे होने की वजह से ओडिशा की शराब बदस्तूर छत्तीसगढ़ मे खा पाई जा रही है। बड़ी होटलों में जुए के अड्डे चल रहे हैं इसके अतिरिक्त शहर के कई स्थानों पर खुलेआम जुआ खेल पाया जाता है जिसे पुलिस का संरक्षण प्राप्त होता है। शहर एवं आसपास के होटलों ढाबों में मदिरा आसानी से उपलब्ध हो जाती है। मुंबई की तर्ज पर रायगढ़ शहर में रात को भी हर जरूरत की वस्तुओं आसानी से मिल जाया करती है। शहर में होटल, पान दुकान, रेस्टोरेंट्स आदि देर रात तक खुले रहते हैं। जिस वजह से अपराधी तत्वों का जमावड़ा वहां लगा रहता है जिनमें से रेलवे स्टेशन एवं केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड प्रमुख है। शहर की गलियों में अवैध शराब और गांजा का विक्रय करना सामान्य व्यवसाय बन चुका है।
पूर्व पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के कार्यकाल में इन सब पर अंकुश लगा हुआ था एवं थानों में अपराधों की पेंडेंसी भी खत्म की जा रही थी। उनके तबादला हो जाने के पश्चात रायगढ़ में मानो रामराज्य आ गया है। संतोष सिंह के द्वारा “निजात” कार्यक्रम के माध्यम से नशे पर काफी नियंत्रण करवा दिया था। उनके द्वारा समय-समय पर समाज सुधार के लिए अनेक कार्यक्रम करवाए जाते थे एवं चौक चौराहों पर पुलिस बल के द्वारा शराब की पहचान करने वाले यंत्र का सहारा लेकर मोटरसाइकिल कार चालकों भारी वाहन चालकों का टेस्ट किया जाता था और उन पर मोटे जुर्माने एवं वाहन जप्त करने की कार्रवाई भी की जाती थी. शायद अब तक ब्रेथ एनालाइजर मशीने खराब हो चुकी होगी या फिर कबाड़ में फेंक दी गई होगी।
तगड़े मीडिया मैनेजमेंट की वजह से पुलिस को आसानी हो जाया करती थी राजनीति शास्त्र के ज्ञाता संतोष सिंह ने बखूबी से मीडिया का मैनेजमेंट किया हुआ था जिस वजह से अपराध और अपराधी नहीं फल-फूल पा रहे थे। वे पुलिस और पत्रकार के संबंधों को भली-भांति समझा करते थे। उनके कार्यकाल में गड़े मुर्दे तक उखाड़ कर अपराधियों को जेल भेजा गया है। रायगढ़ एसपी रहते उन्होंने अनेकों अनेक सफलताएं अर्जित की है एवं जटिल से जटिल मामलों की पोल खोल कर रख दी थी। उनके द्वारा जिले भर के असामाजिक तत्वो, गुंडे ,मवालीयो की परेड करवाई जाती थी और उनसे अपराध से तौबा करने की बातें कही जाती थी। वे कहते थे कि यदि अपराध करना नहीं छोड़ सकते तो रायगढ़ जिला छोड़ना होगा।
नवागंतुक पुलिस अधीक्षक पी सदानंद के कार्यों को लेकर जनमानस में कौतूहल है। जनता यह चाहती है कि जिस तरह से रायगढ़ शहर शुरू से ही शांत और शालीन रहा है। उसे वैसा ही रहने दिया जाए। जिसके लिए पुलिस अधीक्षक को कड़े अपनाने होंगे। केवल खड़े रहेंगे तो जनता खुश रहेगी आवक का क्या है ❓ वह तो कड़े रहने पर भी होगी और नरम होने पर भी होगी। यह है कि कड़े तेवर अपनाने पर लॉ एंड ऑर्डर का पालन अच्छे तरीके से हो सकेगा एवं आवक भी अच्छे से होगी।