🎤 टिल्लू शर्मा ✒️ टूटी कलम रायगढ़ छत्तीसगढ़ सिंघल ग्रुप ऑफ कंपनीज के ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम छापेमारी के बाद लौट गई है. बताया गया कि ठिकानों से 1 करोड़ की ज्वेलरी और 1 करोड़ कैश सीज किया गया है. इसके साथ ही आठ बैंक लॉकरों को सीज करने के साथ अघोषित आय व स्टॉक का मिलान कर रही है.
बता दें कि बुधवार को आयकर विभाग की छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की 160 अफसरों की जंबो टीम ने सिंघल ग्रुप के रायगढ़, सारंगढ़, रायपुर, मुंबई, और कोलकाता सहित 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी. बताया गया है कि जांच में ग्रुप के कारोबार में कच्चे कारोबार का खेल सामने आया है. ग्रुप के स्टील कारोबार के साथ ग्रुप के कांट्रेक्ट में भी गड़बड़ी पाई गई है. लॉकर्स की जांच के बाद 18 में से 8 लॉकर को सीज कर दिया गया है.
सिंघल ग्रुप को प्रदेश के बड़े कारोबारी समूह में गिना जाता है. सिंघल ग्रुप में चेयरमैन संजय सिंघल, डायरेक्टर अजय सिंघल के साथ आयुष- पीयूष (अग्रवाल) शामिल हैं. ये ग्रुप स्टील, कोयला, फाइनेंशियल और कंस्ट्रक्शन का कारोबार करता है. समूह के लोगों के शंकर नगर, अवंति विहार, चौबे कालोनी, मोवा और खम्हारडीह के दफ्तर व निवास हैं, जहां पर आईटी की टीम ने उपायुक्त डीएस मीणा के नेतृत्व में छापेमारी की है.
बताया गया कि हाल ही में सिंघल उद्योग ने सालासर उद्योग को टेकओवर किया था जिसके चलते इनकम टैक्स की रडार में दोनों उद्योग आ गए हैं. टीम रायगढ़ के कालिंदी कुंज स्थित एक सीए के अलावा बंजारी मार्ग पर स्थित सिंघल उद्योग व गेरवानी स्थित सालासर उद्योग में जांच कर रही है।
छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त रायगढ़ के लिए यह अत्यंत शर्मनाक बात है कि प्रदेश के बड़े उद्योग के कई दफ्तरों में सैकड़ों आईटी अफसरों के द्वारा छापेमारी की गई। मगर इतनी कम नगद रकम एवं ज्वेलरी की जब्ती बनाई गई जो मध्यम परिवार के प्रत्येक घरों में मिल सकती है। आज मध्यम परिवार के अलावा अधिकारी एवं व्यापारियों के यहां इससे ज्यादा रकम एवं ज्वेलरी पाई जा सकती है। कम नदी कम नगदी रकम एवं ज्वेलरी का पाया जाना यह इंगित करता है कि उद्योगपतियों को आईटी ऐड होने की सूचना पूर्व में ही मिल चुकी होगी। जिस वजह से व्यापक स्तर पर प्राप्त होने वाले कच्चे का लेन देन, हिसाब किताब, नगद रकम, ज्वेलरी आदि पहले ही ठिकाने लगा दिए गए होंगे।