🎤टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़… रायगढ़ कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा एवं एवं नगर निगम आयुक्त सुनील चंद्रवंशी के आदेशों की अवहेलना करने से निगम के निगम के काऊ कैचर कर्मी बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले दिनों निगम के द्वारा शहर के अनेक स्थानों पर मवेशी मुक्त क्षेत्र के बोर्ड लगाए गए थे एवं साथ ही शहर की मुख्य सड़कों पर बैठे मवेशियों को पड़कर संबलपुरी गौठान में शिफ्ट करने, पालतू पशु चालकों पर जुर्माना करने का अभियान चलाया गया था। उक्त अभियान कलेक्टर एवं आयुक्त के सरल हृदय के कारण ठप गया। कलेक्टर को पूरे जिले का तो निगम आयुक्त को पूरे 48 वार्डो का कार्य देखना एवं संभालना पड़ता है. अप अधिकारियों के द्वारा आदेश देने के पश्चात अन्य कार्यों में अपनी ऊर्जा लगानी पड़ती है। जिसका फायदा कर्मचारी उठाते हैं और कामचोर बन जाते हैं। इसलिए कोई भी कार्य चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात में बदल जाया करते हैं।
पूरी मस्ती में घूमते हैं आवारा पशु पकड़ने वाले कर्मचारी. अक्सर यह देखा जा रहा है कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए लगाए गए कर्मचारी वहां में सवार होकर इधर से उधर भटकते हुए वहां का डीजल खर्च करते हैं और अपनी ड्यूटी का पूरा समय निकाल दिया करते हैं एवं 2/4 मवेशियों को पकड़ कर अपने कार्य की इतिश्री कर लेते हैं। यह भी देखा गया है कि पालतू पशु चालकों के पशु पकड़ने पर जुर्माने की राशि 1000₹ स्थान पर 500 —500 ₹ लेकर अपनी जेब में भर लिया जाता है। से बाद में आपस में बांट लिया करते हैं।
शहर में छुट्टे सांडों से त्रस्त हो चुके शहर वासी… शहर के सभी मुख्य मार्गों में भारी भरकम, बिना सूंड के हाथी सरीखे, लाल आंखों वाले एवं खतरनाक नुकीले सिंग वाले सांड बड़ी बेफिक्री से बगैर चिंता फिकर के बैठे रहते हैं। जिसे सड़को पर अतिक्रमण करना कहा जा सकता है। शहर के कई व्यापारियों के द्वारा रोटी देने के नाम पर सांडों की भीड़ जमा रखी जाती है। जिसे सुभाष चौक पर देखा जा सकता है. ढीमरापर रोड, मेडिकल कॉलेज रोड, फ्लाईओवर ब्रिज,गौरव पथ, स्टेशन रोड, कोतरा रोड आदि सभी प्रमुख मार्गों पर सांडों ने अतिक्रमण कर रखा है।
आवारा मवेशी पकड़ो मिशन को ठेके पर देना चाहिए. नगर निगम के कर्मचारियों की अकर्मण्यता को देखते हुए निगम आयुक्त को चाहिए कि उक्त कार्य किसी ठेके कंपनी को दे देना चाहिए जिससे कोई भी पशुपालक विवाद करने की स्थिति में नहीं रहेगा और यदि कोई विवाद करता है तो उसके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज करवाया जा सकता है। ठेका टेंडर प्रतिदिन 50 मवेशियों को पकड़कर गौठान भेजने वाले का स्वीकार किया जाना चाहिए। ठेकेदार के पास स्वयं के श्रमिक एवं स्वयं के वाहन होने आवश्यक होने चाहिए।