🌀टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम रायगढ़… डेंगू मच्छरों को लेकर जिस तरह से नगर पालिका निगम के द्वारा डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है. गलियो, चौक, चौराहों,सब्जी मंडी,अस्पतालों,कबाड़ियों,कालोनियों,सड़को के किनारे से जिस तरह से कूड़ा करकट मलमा उठाया जा रहा है और निरंतर साफ सफाई की जा रही है उससे डेंगू के मच्छरों के भविष्य के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है और इसी बहाने से रायगढ़ शहर सुघघड़ रायगढ़ बनने जा रहा है। जिसके लिए रायगढ़ की जनता बधाई की पात्र है जिन्होंने डेंगू को लेकर हो हल्ला मचाया और नगर पालिका निगम के द्वारा साफ सफाई पर ध्यान दिया गया और ब्लीचिंग पाउडर, मेलाथियान, जला मोबिल,टेलीमास आदि कीटनाशक दवाइयो का छिड़काव करवाया गया। तोप रूपी फागिंग मशीन के द्वारा जहरीला धुआं उड़ाया जा रहा है। पिछली बार साइकिल के द्वारा जहरीला धुआं उड़ाया जाता था। जो सकरी से सकरी गली के अंदर जाकर कार्य करता था। इस बार साइकिल वाली फागिंग मशीन दिखलाई नहीं दे रही है.
मुफ्त में बांटी जा रही है टेलीमास दवा एवम मोबिल… नगर पालिका निगम रायगढ़ के द्वारा तेल मास्क दवाई एवं जला हुआ मोबाइल आम जनता को बांटा जा रहा है ताकि वे अपने घर एवं आसपास के क्षेत्र में इनका छिड़कावकर एडिज मच्छरों का जड़ से सफाया कर सके.
साफ सुथरी जगह में पैदा होते हैं एडिज नामक मच्छर.. यह बात स्पष्ट रूप है कि डेंगू नामक बीमारी एडिज मच्छरों के काटने से होती है और डेंगू कोई महामारी महामारी नहीं होती है। जिसको पहले वायरल फीवर कहा जाता था विज्ञान की तरक्की ने इसका नाम डेंगू रख दिया. डेड बुद्धि के लोगों के द्वारा डेंगू मच्छर एडिज को सुपरस्टार मच्छर बना दिया गया। रायगढ़ शहर में एडिज मच्छर अमजद खान,प्रेम चोपड़ा, रंजीत, अमरीश पुरी,आदि से भी खतरनाक विलेन के रोल की भूमिका निभा रहे है। लेडिस मच्छर बहुत कमजोर एवं नाजुक हुआ करते हैं जो 3 फीट ऊंचाई से ज्यादाऊपर नहीं उड़ पाते हैं। जिस तरह से अमीर लोग मिनरल वाटर ना पीने पर बीमार हो जाया करते हैं इस तरह से साफ सुथरी जगह पर पनपने वाले एडिज मच्छर जले मोबिल के छिड़काव कर देने मात्र से खत्म हो जाते है। इसलिए डेंगू के मच्छर को कोमल नाजुक एवं रईस मच्छर कहा जाना उचित होगा.
एडीज मच्छर कूलर,गमले, टायर,बाल्टी खाली डिब्बे,पुराने बर्तनों में,छत,आंगन में पड़े कबाड़,बाहर रखे कोटना आदि में तेजी से पनपते है। इसलिए प्रत्येक जागरूक आम नागरिक का फर्ज होता है कि वे अपने घरों की देखभाल स्वयं करें एवं जमे हुए पानी को फेक और उस पर मोबिल डाल देवें.
बरसात में मौसम में मच्छरों का प्रकोप सबसे ज्यादा बरपता है. डेंगू (Dengue), मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी भयंकर बीमारी फैलती है. कभी-कभी तो ये बीमारी जानलेवा भी साबित होता है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप खुद को मच्छरों से बचाकर रखें.
एडीज मच्छर पर निबंध…डेंगू बीमारी डेंगू नाम के वायरस की वजह से होता है. इस वायरस को आपके शरीर में पहुंचाता है एडिस नाम का मच्छर. डेंगू से बचना है तो इस मच्छर से बचकर रहना चाहिए. आइए बताते हैं इस मच्छर के बारे में. सबसे पहली बात ये मच्छर दिन के वक्त हमला करता है.
डेंगू मच्छर इस वक्त रहता है एक्टिव
डेंगू का मच्छर सूर्योदय से कुछ घंटे पहले और सूर्यास्त के कुछ घंटे बाद तक ज्यादा एक्टिव रहता है. यह मच्छर ज्यादा ऊंचाई पर नहीं उड़ पाता है. इसलिए वो इंसान के एड़ी या फिर कोहली पर ही काटता है.
एडिस मच्छर की ये है पहचान
एडिस मच्छर का आकार बेहद छोटा होता है. गहरे रंग का होता है. इस मच्छर की टांगें लंबी होती है. मच्छर की टांगों पर सफेद और काली रंग की धारियां देखकर समझ जाइए कि ये एडिस ही है.
डेंगू बीमारी का लक्षण
ये मच्छर साफ पानी में अंडा देता है. इस मच्छर के काटने से लाल चकत्ता पड़ता है. सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, गले में खराश, पेट में दर्द और लिवर में सूजन इसके प्रमुख लक्षण हैं. कई मामलों में रोगियों को त्वचा, नाक या मुंह से खून आने की भी समस्या होती है. सही वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर मरीज की मौत भी हो जाती है।
घर में पानी को जमा नहीं होने दें
डेंगू मच्छर को घर में पनपने से रोकने के लिए घर के अंदर पानी नहीं जमने देना चाहिए. कूलर, गमले या फिर टायर में पानी को नहीं जमने दे. आसपास फॉगिंग करवाए. कूलर में दो दिन पर पानी को साफ करें. इसमें केरोसिन तेल जाले.
मच्छरों से निपटने के लिए नियमित रूप से घर के कोने-कोने में स्प्रे या कीटनाशक दवा का छिड़काव करें. कोने-कोने में फॉगिंग करें. सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें.