🏹टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़….. रायगढ़ शहर से एक बड़ी खबर प्रमाण सहित निकलकर सामने आई है. जिसमें रायगढ़ के दो पत्रकारों के द्वारा ग्रामीणों से धोखाघड़ी करते हुए करोड़ों रुपए का चूना लगा दिया गया है. सबसे पहले पत्रकारों की जुगल जोड़ी ने एक एनजीओ संस्था रजिस्ट्रेशन करवा ठगी करने का ताना-बाना बुना गया. जिसमें सबसे पहले सैकड़ो ग्रामीण महिलाओं को बहला फुसला कर एनजीओ में नौकरी देने पर उनसे धन की उगाही की गई. बदले में मोटी तनख्वाह देने के सब्ज बाग दिखाएं गए. सबको अलग-अलग पदों पर रखा गया मगर किसी को भी नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया. यहां तक की इन ठग राजो ने रायगढ़ जिले के सभी ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक प्रभारी की भी नियुक्ति की गई और उनसे भी रकम वसूली की गई. महिलाओं को बैंडेज पट्टी की मशीन दिलाने एवं सब्जी लगाने के नाम पर पैसा लिया गया. किंतु आज तक न मशीन आई और न सब्जी उग पाई. यह सारा खेल कोरोना काल के समय खेला गया था. महिलाओं को बाद में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर रुपया लिया गया. ग्रामीण महिलाएं अपने सोने चांदी के जेवर बेचकर,जमीन बेचकर, ब्याज में रकम लाकर,इन पत्रकारों को यह सोचकर सौंप दी गई कि यह लोग स्थानीय है और पत्रकार है. इसलिए उन्हें सरकारी नौकरी मिल सकती है. अपना प्रभाव जमाने के लिए इन लोगों के द्वारा एनजीओ के नाम पर समाज सेवियों, पूर्व विधायक की पत्नी को बुलाकर कुछ वृद्ध महिला पुरुषों को भोजन आदि उनके हाथ से बंटवा देते थे और एनजीओ के सहायतार्थ उनसे भी आर्थिक शोषण कर लिया जाता था.
ग्राम जुड़डा के ग्रामीण से हड़पे गए लगभग 43 लाख रुपए नगद… इन तथाकथित ठग पत्रकारों ने ग्राम जुड़डा के भोले भाले एक ग्रामीण को अपने चक्कर में फंसाते हुए उसे सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 8 लाख की मांग की गई थी. जब ग्रामीण ने कितने रुपए का इंतजाम ना हो सकते का करण बतलाया तो ठग राज पत्रकारों ने अपना पैतरा बदलते हुए. कहां की यदि तुम 15,20 लोगों को इकट्ठा करके उनसे तीन-तीन लाख रुपया लेकर मुझे दे दोगे तो तुम्हारी नौकरी उनकी सबकी सरकारी नौकरी लगवा दूंगा. इसलिए तुम्हें 8 लाख रुपए नहीं देने पड़ेंगे. जिससे ग्रामीण उनके चक्कर में फस गया और अपनी जान पहचान वालों दोस्त,यारों से रुपया लेकर ठग राज पत्रकार के खाते में अलग अलग दिनांक को 40,45 लाख रुपया ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद उस ग्रामीण को सरकारी नौकरी का एक फर्जी नियुक्ति पत्र देते हुए रायपुर की बैंक में नौकरी लगने की बात कही और उसे रायपुर भेज दिया गया. ग्रामीण जब रायपुर पहुंचा और मुक्ति पत्र दिखाया तो बैंक वालों ने उसको पुलिस के हवाले कर दिया था. मुफ्त ग्रामीण बहुत मुश्किल से हाथ पैर जोड़कर अपने गांव वापस आ सका. इस वजह से ग्रामीणों को इन पत्रकारों के द्वारा किए जा रहे हैं फर्जी वाले का पता चल सका. तब ग्रामीण के द्वारा अपने रुपए वापस मांगे तो 420 पत्रकार के द्वारा ग्रामीण को समय-समय पर फर्जी चेक दिए जाते रहे . जो लगातार बाउंस होते चले गए. बैंक के द्वारा खाते में पर्याप्त रकम न होने एवं चेक जारी करने वाले के द्वारा भुगतान न करने के लिए बैंक में आवेदन दिया जाता रहा. ग्रामीण की पत्नी एवं भाभी से भी जरूरत पड़ने के नाम पर स्टांप पेपर में लिखा पढ़ी कर नगद रकम ली गई थी. जिन्हें भी वापस करने के नाम पर फर्जी चेक थमा दिए गए थे. इन सब मामलों की थाना चक्रधर नगर में लिखित आवेदन एवं मौखिक रूप से अपने साथ धोखा घड़ी के विषय में बतलाया गया था. जिसकी जानकारी पत्रकार को मिलने पर उसके द्वारा आवेदनकर्ता को डराते धमकाते हुए आवेदन वापस लेने के लिए कहा गया और यह कहा गया कि यदि शिकायत करोगे तो एक रुपया भी वापस नहीं किया जाएगा. उल्टे उसे ही फसा दिया जाएगा. मामले को उलझाए रखने की खातिर पत्रकार के द्वारा एक बार फिर से बगैर दिनांक लिखें फर्जी चेक थमाकर कहा गया कि जब वह बोलेगा तब बैंक में चेक लगाना क्योंकि अभी इनकम टैक्स पटाने का समय चल रहा है. इस तरह से उक्त ग्रामीण, उसकी पत्नी उसकी भाभी को आज तक रकम वापसी नहीं हो पाई है. ग्रामीण बैंक जिन-जिन लोगों से रुपया लिया था और पत्रकार को दिया था वे सब ग्रामीण अब जुड़ड़ा के ग्रामीण के पास अपने पैसे वापसी के लिए चक्कर काट रहे हैं.
रायगढ़ के मधुबन पारा में रहने वाले निवासी से की गई 6.60 लाख की ठगी.. पत्रकाररूपी ठग राजों की जुगल जोड़ी ने रायगढ़ के मधुबन पारा के रहवासी से भी सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 6 लाख 60 हजार रुपए ठग लिए गए. जब काफी समय तक नौकरी नहीं लगी तो शक हो जाने पर रुपए देने वाले ने अपने पैसे वापस मांगे तो पत्रकार के द्वारा उसे भी पहले मामले की तरह से बैंक के चेक बांटे गए जो लगातार बाउंस होते गए. आखिरकार हिम्मत करते हुए ठगी का शिकार हुए व्यक्ति ने सिटी कोतवाली में लिखित आवेदन देकर अपने रुपए वापस मांगे और आरोपी को सजा दिलवाने की बात कही गई. मगर मामला पत्रकार से संबंधित होने पर पुलिस भी कार्रवाई करने से कतरा रही है. जिस वजह से ठगी का शिकार हुए व्यक्ति ने मामला न्यायालय में पेश कर दिया है. ठग पत्रकार ने आवेदन करने वाले की बहन से भी नगद रकम लेकर बोगस चैक दे दिया गया था.जिसे बैंक में जमा करते समय बैंक के एकाउंटेंट ने बताया कि इस पत्रकार के द्वारा दर्जनों लोगों को रद्दी कागज की तरह से चैक बांटे गए है जबकि उसके खाते में रकम है ही नहीं. इसलिए आप अपना चेक वापस ले जाइए.
आदिवासी की डेढ़ एकड़ जमीन भी हड़प ली गई… बतलाया जा रहा है कि इस ठग पत्रकार के द्वारा एक गांव के आदिवासी को जिसका कोई नहीं है और डराते,धमकाते हुए. कोरे स्टांप पेपर में हस्ताक्षर अंगूठा लगवा कर लगभग डेढ़ एकड़ जमीन पत्रकारिता के दम पर अपने नाम से नामांतरण करवा दी गई. जो की जांच का विषय है.
महिला समूहों से ऐंठी गई नगद रकम.. लड़की की तरह से बात करने वाले, लिपस्टिक, फाउंडेशन, क्रीम, नेल पॉलिश, लगाने वाले, महिलाओं की तरह से हावभाव करने वाले, महिलाओं की तरह से बैग लटकाने वाले, महिलाओं का जूता पहनने वाले पत्रकार बहुत जल्दी ही महिलाओं से घुल मिल जाया करता था और उनसे बैंक से मोटा लोन दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ लिए गए.
पुलिस जांच के बाद पूरा खुलासा होगा कि उक्त पत्रकार ने किन-किन लोगों से कितनी ठगी की गई है. साथ ही रायगढ़ कलेक्टर के द्वारा उक्त एनजीओ की सूक्ष्मता से जांच करने के आदेश देने पर बहुत से मामलों की पोल खुल जाएगी. ग्रामीणों ने बतलाया कि वे बहुत जल्दी ही कलेक्टर कार्यालय पुलिस अधीक्षक कार्यालय चक्रधर नगर थाना सिटी कोतवाली के अतिरिक्त रायपुर जाकर मुख्यमंत्री गृह मंत्री एवं रायगढ़ विधायक वित्त मंत्री ओपी चौधरी के सामने पूरा मामला रखेंगे और जरूरत पड़ने पर धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा ताकि उन्हें उनके रुपए,जमीन वापस मिल सके.
हो सकती है आजीवन कारावास की सजा.. जब रायगढ़ के नामी गिरानी कानून विद से उक्त मामले को बतलाया गया, सलाह मांगी गई तो उन्होंने बताया की यह बहुत बड़ा 420 का मामला है. जिसमे पत्रकारों के द्वारा ग्रामीणों,आदिवासी,महिलाओं,बैंको, के अतिरिक्त फर्जी नियुक्ति पत्र देते हुए प्रदेश सरकार को भी बेवकूफ बनाया गया है. सरकारी उपक्रम के फर्जी लेटर पैड, सील ,मुहर का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.