समाचारों का रूफटॉप छत्तीसगढ़ स्तर पर तेजी से आगे बढ़ रहा रायगढ़ जिले का बहुत चर्चित,छत्तीसगढ़ स्तर पर जाना पहचाना जाने वाला, बुद्धिजीवियों,प्रबुद्ध वर्ग के पाठकों की पहली पसंद,निडर,निष्पक्ष,निर्भीक,बेबाक,दबंग,जनहित एवं समस्याओं पर प्रकाश डालने वाला एकमात्र वेब न्यूज़ पोर्टल “टूटी कलम” संपादक परशुराम पुत्र,माता सरस्वती का उपासक,रावण प्रेमी,कलम का मास्टरमाइंड,लेखक, चिंतक,विचारक,विश्लेषक,कवि व्यंग्यकार, चंद्रकांत (टिल्लू) शर्मा…. पत्रकारिता करना केवल हमारा शौक है,दिनचर्या है,जुनून है, पागलपन है,लिखने का शौक है,आदत है, ना व्यवसाय है ना, पेट भरने का साधन है, ना धमकी चमकी,ना ब्लैकमेलिंग,ना उगाही वसूली,करने का लाइसेंस प्राप्त है, चाटुकारिता,चापलूसी,बुराई,जलनखोरी, से कोसो दूर कलम से वार करना हमारी फितरत है,दूसरों के समाचारों को कॉपी पेस्ट करना, चोरी करना, जिला प्रशासन निगम प्रशासन पुलिस प्रशासन की विज्ञप्तियों को छाप कर पत्रकार कहलाने का शौक नहीं है हमें,और ना ही हम किसी भी समाचार पर प्रश्न वाचक चिन्ह खड़े करते हैं,स्पष्ट,सपाट,खुलकर लिखने को पत्रकारिता कहते हैं .……🐅🐅 टिल्लू शर्मा के ✍️ समाचार ज्यों नाविक के तीर 🏹देखन में छोटे लागे घाव करे गंभीर💘 जहां से लोग सोचना बंद करते हैं 😑 हम वहां से सोचना शुरु करते हैं….राजनीति हो या समाज इतिहास टकराने 🤼वालों का लिखा जाता है, 🦶तलवे चाटने वालों 👅का नहीं.. आप लोगों के सहयोग से “टूटी कलम न्यूज” एक विश्वसनीय ब्रांड बन चुका है.
🥁टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹… ब्राह्मण सेवा समिति के पूर्व अध्यक्ष वीरभान शर्मा एवं एबीवीपी,जनसंघ से जुड़े प्रवीण शर्मा ने आपस में न जाने क्या बात की और पहुंच गए नगर निगम सभापति के स्वागत करने के लिए. नाम दे दिया गया ब्राह्मण सेवा समिति के अध्यक्ष के द्वारा सम्मानित किया गया. जबकि ब्राह्मण समाज से किसी भी तरह की चर्चा कर सहमति नहीं ली गई थी. ब्राह्मण सेवा समिति केवल दो लोगों का संगठन नहीं है. ब्राह्मण सेवा समिति पूरे वर्ष भर में केवल परशुराम जी की जयंती मनाने और शोभा यात्रा निकालने के अतिरिक्त कौन सा सेवा कार्य करती है. ब्राह्मणों को आशीर्वाद देने वाला माना जाता है. जिसके लिए उन्हें जाने की जरूरत नहीं होती है इसको आशीर्वाद चाहिए होता है. वह स्वयं ब्राह्मणों के पास आता है. परशुराम के वंशजों का इस तरह का कार्य शोभनीय नहीं है. अगर महापौर एवं सभापति का सम्मान करना ही था तो उन्हें श्री परशुराम मंदिर में बुलवाया जाता और सर्व ब्राह्मण समाज के लोगों को निमंत्रित किया जाता. जिससे ब्राह्मण समाज का नाम होता और पहचान बढ़ती. जो दो लोग गए थे.वे शुरू से ही भाजपा आरएसएस से जुड़े हुए. उन्हें ब्राह्मण सेवा समिति का नाम ना लेकर अपना व्यक्तिगत नाम लेना चाहिए था.
ब्राह्मण समाज में अनेक शाखाएं हैं जिनको सबको विश्वास में लेकर और राय लेकर महापौर एवं सभापति का व्यापक स्वागत करना चाहिए था. विप्र संगठन,महिला ब्राह्मण संगठन, युवा ब्राह्मण संगठन, ब्राह्मण सेवा संघ, आदि और कुछ संगठन भी ब्राह्मणों के हैं परंतु इस तरह से चुपचाप दो लोग के द्वारा स्वागत करने पहुंच जाना. ब्राह्मण समाज की बेज्जती है. आने वाले समय में इस तरह के कार्य का विरोध होना सुनिश्चित है. ब्राह्मण समाज के द्वारा कब चुनाव करवा लिया जाता है और कब किसको अध्यक्ष उपाध्यक्ष सचिव आदि पदों पर चुन लिया जाता है. यह सब गोपनीय तरीके से किया जाता है ताकि समाज के ऊर्जावान, जोशीले,संघर्षशील,समाज के जाने पहचाने वाले लोगों को चुनाव होने की हवा भी नहीं लग पाती. ब्राह्मण समाज को चुनाव से पहले चुनाव करवाने की आम घोषणा कर दिए नहीं चाहिए ताकि समाज का कोई भी व्यक्ति चुनाव में हिस्सा ले सकता है. ब्राह्मण समाज के महिला पुरुष युवाओं की मतदाता सूची तैयार करवानी चाहिए ताकि मतदाताओं की संख्या का मालूम हो सके. एक कमरे में 10 लोग बैठकर आपस में पद बांट लेते हैं. ऐसा होने पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. इस तरह के चुनाव को अवैध माना जाना चाहिए. ब्राह्मण समाज में मारवाड़ी ,बंगाली, उड़िया,मराठी,उत्तर प्रदेशी,बिहारी, पंजाबी सभी ब्राह्मणों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि ब्राह्मण समाज एक बड़ा समाज के लिए सामने आ सके.