जिले में स्थापित होने वाले उद्योगों में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले-कलेक्टर भीम सिंह
श्रमिकों के कल्याण हेतु कार्ययोजना बनाएं
कलेक्टर, हस्तशिल्प केन्द्रों का करेंगे निरीक्षण
रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह ने आज अपने कक्ष में उद्योग, श्रम, अंत्यावसायी, समाज कल्याण, पर्यावरण तथा हस्तशिल्प विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर इन विभागों में आम नागरिकों और श्रमिकों के हितों में चलायी जा रही योजनाओं की जानकारी ली। बैठक में उद्योग विभाग के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में 144 आवेदन प्राप्त हुये है इन्हें ऋण स्वीकृति के लिये अलग-अलग बैंकों को भेजा गया है जिसमें 18 प्रकरणों में स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत कुल 97 आवेदन प्राप्त हुये है इन्हें ऋण के लिये बैंको को भेजा जाना प्रस्तावित है और पूर्व में प्रेषित 3 प्रकरणों में बैंकों द्वारा 8.66 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। जिले के धरमजयगढ़, घरघोड़ा, बरमकेला और खरसिया में फूड पार्क स्थापना हेतु 30 हेक्टेयर से अधिक भूमि का आधिपत्य प्राप्त हुआ है फूड पार्क की स्थापना का प्रस्ताव उद्योग संचालनालय रायपुर को भेजा जा चुका है। जिले में वर्ष 2020-21 में 14 नवीन उद्योगों की स्थापना हुई है तथा 216 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 195 उद्योगों द्वारा उद्योग स्थापना हेतु ऑनलाईन उद्यम आकांक्षा प्राप्त किया गया है। कलेक्टर श्री सिंह ने उद्योग विभाग के द्वारा जिले में स्थापित उद्योगों मेें स्थानीय बेरोजगारों को अधिक से अधिक संख्या में रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये और अप्रशित युवाओं को उद्योगों की ओर से प्रशिक्षण प्रदान करने को कहा गया। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा संचालित योजनाओं स्माल बिजनेस, टे्रक्टर-ट्राली, गुड्स कैरियर, आदिवासी महिला सशक्तिकरण, टर्मलोन, पैसेन्जर व्हीकल, महिला अधिकारिता, स्कीम अप-टू योजना, मिनीमाता स्वावलंबन योजना, शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलंबन योजना के अंतर्गत कुल निर्धारित लक्ष्य 97 के विरूद्ध 123 आवेदन प्राप्त हुये थे। जिनमें 36 का स्थल निरीक्षण किया जा चुका है। अंत्योदय स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 128 प्रकरण विभिन्न बैंकों को प्रेषित किये गये है जिनमें 19 प्रकरण स्वीकृत करते हुये 6 लाख 75 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया है।
बैठक में हस्तशिल्प कला विभाग के बिलासपुर से पहुंचे अधिकारी ने बताया कि रायगढ़ के हस्तशिल्प कलाकारों में 8 नेशनल अवार्ड तथा 29 स्टेट अवार्ड विजेता है यहां के शिल्प कलाकार विदेशों में भी अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके है। रायगढ़ जिले के बेल मेटल की कलाकृतियां तैयार करने के मामले में बस्तर संभाग की बराबरी कर रहे है। कलेक्टर सिंह ने जिले के हस्तशिल्प (बेलमेटल)केन्द्रों का निरीक्षण करने का कार्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिये। श्रम विभाग के अधिकारियों ने राज्य शासन द्वारा श्रमिकों के कल्याण हेतु चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इसी प्रकार पर्यावरण विभाग द्वारा रायगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में पर्यावरण की सुरक्षा के लिये उद्योगों में लगाये गये उपकरणों तथा वर्तमान में पर्यावरण की स्थिति पर जानकारी दी गई।
कलेक्टर सिंह ने श्रम विभाग की ओर से जिले के संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का सर्वे करने और उनके कार्यानुभव के आधार पर सूची तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने शहर में रोजाना काम-काज से अपना गुजर बसर करने वाले मजदूरों के धूप-बरसात से बचाव के लिये स्थान चिन्हांकित कर वहां शेड का निर्माण एवं वहां बैठने की व्यवस्था तथा पेयजल एवं शौचालय का निर्माण किये जाने के निर्देश दिये और इन मजदूरों के लिये सस्ते दरों पर भोजन उपलब्ध कराने को कहा क्योंकि बहुत से मजदूर ऐसे है जिन्हें प्रतिदिन कार्य नहीं मिलता, ऐसे श्रमिकों के लिये सस्ती दरों पर भोजन की व्यवस्था होनी चाहिये। कलेक्टर सिंह ने श्रम विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि बड़े-बड़े निर्माण कार्यो में तथा उद्योगों में ठेकेदारों के द्वारा लगाये गये श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी मिले यह सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने श्रमिकों के शहर में प्रतिदिन एकत्रित होने वाले स्थान पर श्रम निरीक्षक की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिये कि कोरोना संक्रमण काल में श्रमिकों को कोरोना से बचाव के लिय मॉस्क वितरित करने तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराया जाये। कलेक्टर सिंह ने श्रमिकों के कल्याण के लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने पर्यावरण विभाग के अधिकारी को शहर के मुख्य स्थान पर प्रदूषण स्तर प्रदर्शित करने डिस्पले बोर्ड लगाने के निर्देश दिये तथा रायगढ़ औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण ट्रकों द्वारा कोयला तथा अन्य वस्तुओं का खुले रूप से परिवहन किया जाता है इस पर रोक लगाने के लिये उद्योग प्रबंधन को समझाईश देने तथा ट्रकों की नियमित जांच कर जुर्माना वसूलने के निर्देश दिये। इसके लिये पर्यावरण विभाग के अधिकारी परिवहन एवं पुलिस का सहयोग लेकर नियमित अभियान चलावे। बैठक में समाज कल्याण विभाग द्वारा विभागीय जानकारी प्रस्तुत की गई।