टूटी कलम रायगढ़ — नोवेल कोरोना संक्रमण के कारण समूचे विश्व मे हाहाकार मचा हुआ है जिससे उबरने के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान हो रहे है। तरह तरह के प्रयोग किये जा रहे है।
घर पर रहो सुरक्षित रहो का फार्मूला लोगो की मुसीबतों का कारण बनते जा रहा है। लोग घरों में जरूर दुबक गए है परन्तु रोज सुबह परिवार के सभी सदस्यों की बेचैनी एवं चहल कदमी बढ़ जाती है कारण की घर पर 10 सदस्य होते है और शौचालय एक होता है। जिसमे घुसने की जल्दी फ़िल्म फिर हेराफेरी के दृश्य को चरितार्थ करता है। परिवार के सदस्य जल्दी निकलो की धमकी चमकी विनय अनुनय करते रहते है और अंदर बैठा व्यक्ति शौच मग्न होकर मोबाईल पर घण्टो व्यस्त हो जाता है।
मोबाईल ने छीना अखबारों का अधिकार– एक समय था जब लोग अखबारों का सहारा इसलिए लिया करते थे ताकि समाचार पढ़ने के लिए अलग से समय जाया न करना पड़े। लोग तुरन्त फारिंग होकर काम पर लग जाते थे। मगर अब इस कमबख्त मोबाईल ने पूरी दिनचर्या बदल डाली। जो संडास में पहले घुस गया तो मानो उसने विश्व कप जीत लिया हो। संडास में अंदर बंद व्यक्ति मोबाईल फोन पर फेसबुक,इंस्टाग्राम, व्हाट्सअप पर इतना बिजी हो जाता है कि उसे किसी दूसरे की परेशानी से कोई वास्ता नही रहता। वह घण्टो संडास में बैठकर पूरी दुनिया की खबर पर निगाह जमाये रहता है। संडास के बाहर कतारबद्ध खड़े लोगो को संडास के अंदर से फेसबुक स्टोरी, मोटी मोटी, भद्र महिलाओ के शार्ट वीडियो,गाने आदि सुनाई पड़ते है परन्तु वे चाहकर भी कुछ नही बोलते क्योंकि अगला नंबर उनका होता है या फिर कल वे रेस में प्रथम आ सकते है। इसलिए खामोशी ही बेहतर विकल्प होता है।
कैसे मिले इस मुसीबत से छुटकारा — अगर इस तरह की मुसीबत से छुटकारा पाना चाहते हो तो आज ही हॉकर से बोलकर दैनिक समाचार पत्र शुरू करवाइए और नियम बनाइये की जो कोई शौचालय जाएगा तो अंदर अखबार लेकर जाएगा। मोबाईल फोन ले जाना प्रतिबंधित होगा। अंदर घुसने वाले को मेटल डिटेक्टर से जांच के बाद ही अंदर घुसने दिया जाये। उसके कपड़ो की तलाशी हांथो से की जाये और यदि चोरी छिपे मोबाइल लेकर घुसने का प्रयास करे तो उसको लाईन में सबसे पीछे खड़ा करने से दण्डित किया जाये।