रायगढ़ जिले के पूर्वांचल क्षेत्र में जामगांव स्थित एमएसपी उद्योग की जनसुनवाई पर्यावरण संरक्षण मंडल ने निरस्त कर दी गई। जिसका प्रमुख कारण ये है कि उक्त उद्योग छत्तीसगढ़ सीमा के अंतिम छोर पर है। जिससे लगकर ओड़िसा राज्य की सीमा प्रारंभ होने की वजह से ओड़िसा सरकार से भी अनुमति प्राप्त की जानी आवश्यक है क्योंकि इस उद्योग के विस्तार से ओड़िसा के भी लगभग 20 गांव प्रभावित होने की प्रबल सम्भावना है। जिस वजह से छत्तीसगढ़ एवं ओड़िसा के आपसी सम्बन्धों में कटुता आ सकती है सांथ ही इस क्षेत्र में परवल सब्जी की भरपूर पैदावार होती है।जिसकी बिक्री देश के कोने कोने में होती है। उद्योग के विस्तार से परवल की होने वाली पैदावार काफी कम हो जाएगी।यह क्षेत्र हांथी प्रभावित होने की वजह से हांथियो के दल विचरण करते है। जंगल के कम हो जाने की जगह से हांथी बौरा कर जानमाल को हानि पहुंचा सकते है। टूटी कलम समाचार…इस उद्योग से निकलने वाली फ्लाईएश के निपटान के समुचित प्रबंध भी न होने की वजह से यत्र तत्र सर्वत्र फ्लाईएश डाले जाने के कारण से जल,जंगल,जमीन,नदी,नालों,खेत खलिहान बर्बाद हो सकते है।

जनसुनवाई निरस्त किये जाने पर भाजयुमो, जनचेतना मंच,पर्यावरण प्रेमियों के अतिरिक्त जामगांव स्कूल के छात्र अपना श्रेय लेने आगे आ रहे है। यदि उद्योग प्रबंधन ओड़िसा सरकार से उद्योग विस्तार करने की अनुमति प्राप्त कर ले तो शायद उसे ओड़िसा के प्रभावित होने वाले ग्रामीणों का समर्थन आसानी से मिल सकता है क्योंकि उद्योग के विस्तार से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जिसका फायदा ओड़िसा के ग्रामीण युवकों को दिया जाकर जनसमर्थन जुटाया जा सकता है। टूटी कलम समाचार