✒️ टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़….तहसील कार्यालय रायगढ़ में वकीलों के द्वारा भृत्य,लिपिक,नायब तहसीलदार के साथ की गई मारपीट को लेकर जिला प्रशासन के सारे अधिकारी,कर्मचारी एकजुट होकर सोमवार से कलमबंद कर शासकीय कार्य ठप्प करने की मानसिकता बना चुके है। जो उचित भी है। पढ़े लिखे वर्ग में आने वाले अधिवक्ताओं में से चंद वकील जिनकी प्रेक्टिश बंद दुकान की तरह से चलती है एवं इन लोगो पर सोशल मीडिया में भड़काऊ पोस्ट शेयर करने पर पुलिस द्वारा भी समझाइश दी जा चुकी है। पूरा अधिवक्ता संघ बदनाम इन चंद लोगो के कारण आज हाशिये पर आ गया है। कल की घटना का वीडियो सामने आने पर आमजन इसे वकीलों के द्वारा पहल करने एवं हाथापाई,गाली गुफ्तार करना गलत,अशोभनीय,अमर्यादित मान रही है.टूटी कलम

“करे कोई भरे कोई”, “न सूत न कपास,जुलाहों से लठ्ठम लठ्ठा”……वकीलों का जत्था तहसीलदार सुनील अग्रवाल के अमर्यादित आचरण का विरोध करने सुनील अग्रवाल हाजिर हो,भ्र्ष्टाचारी हाजिर हो,बदतमीज हाजिर हो सरीखे नारे लगाते एस डी एम कार्यालय कूच किये एवँ वहां जो भी भृत्य,लिपिक सामने आये उनपर थप्पड़ों,मुक्कों,गालियों की बारिश कर दी। तहसीलदार को उनके बिचौलिए वकील ने माहौल खराब होने की इतला कर दी थी। जिस वजह से तहसीलदार कार्यालय में उपस्थित ही नही रहे।जो कि उचित भी रहा क्यूंकी भड़के हुए वकील उनके साथ किस तरह का व्यवहार करते वह स्वतः समझ मे आ जाता है। कार्यालय परिसर में हो हल्ला सुनकर वस्तुस्थिति की जानकारी लेने नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर जब अपने चेम्बर से बाहर निकलकर मामले की जानकारी लेने एवँ सुलह करने पहुंचे तब किसी एक व्यक्ति द्वारा विक्रांत राठौर पर भीड़भाड़ का फायदा उठाते हुए पीछे से सर पर हाथों से वार कर दिया। मौके की नजाकत को भांपते हुए विक्रांत राठौर खून का घूंट पीकर एवँ अपना आपा न खोते हुए अपने चेम्बर में वापस चले गए। नायब तहसीलदार पर हाथ छोड़ने वाला सख्स कोमल साहू अधिवक्ता बतलाया जा रहा है। इस घटना को लेकर राजस्व अधिकारी,कर्मचारी संघ प्रदेश स्तर पर आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी न होने तक कलमबंद कर शासकीय कार्य ठप्प रखने की रूपरेखा बनाने में जुटे हुए है। टूटी कलम

आग में घी डालने वाली पोस्ट की है किसी कुर्रे वकील ने….. नाटकीय घटनाक्रम का लोग तरह तरह से मजे लेकर चटकारे ले रहे है। सोशल मीडिया पर किसी एच. एल. कुर्रे ने धमकाने की शैली में काफी आपत्तिजनक पोस्ट की है। जिसने पुसौर तहसीलदार को भिखारी तक लिखकर अधिकारियों,विधायको,मंत्री को कुत्तों की संज्ञा देकर धमकाने ,चमकाने,सजग,सतर्क रहने की हिदायते दी गई है। अधिवक्ता संघ को चाहिए कि ऐसी भड़काऊ,अमर्यादित, अशालीन पोस्ट करने वालो पर तत्काल कार्रवाई कर संघ से बाहर का रास्ता दिखला देना चाहिए ताकि हर हमेशा पुलिस,प्रशासन, सरकार,जनप्रतिनिधियों से टकराव की स्थिति न बनी रहे टूटी कलम

बगैर धन दिए कार्य करवाना हो तो कृपया लाइन में लग जाये………यह सर्वविदित एवँ खुला क्षेत्र है कि यदि किसी को जल्दी एवं अवैधानिक कार्य पर अधिकारी की सहमति या हस्ताक्षर करवाने की हड़बड़ी रहती है। तब बाबुओं,चपरासियों वकीलों के मॉध्यम से ही धन देने लेने का मामला तय किया जाता है। जिसे रिश्वत ,नजराना,चढ़ोत्तरी, चाय-पानी का खर्च कहा जाता है। जिसके देने पर कार्य आधीरात को भी करवाये जा सकते है। जब यही वकील लोग भ्र्ष्टाचार के खिलाफ नारे लगाते दिखलाई देते है। तब समझा जा सकता है कि इनके मामलो के हल के लिए अधिकारियों को नगद नही दी गई है। यदि हर कोई बगैर नजराना दिए कार्य करवाना चाहेगा तो नम्बर से फाइलें ऊपर आएगी। जिसके लिए चक्कर पर चक्कर काटने ही पड़ेंगे।ऐसा प्रत्येक सरकारी विभागों में ही होता है। ऐसा नही है आजकल बड़े निजी संस्थानों में भी यही संस्कृति फलने फूलने लगी है। टूटी कलम
