✒️टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़ की कलम से... कल से चल रहे अधिवक्ता,अधिकारी,कर्मचारी विवाद सुलझने की बजाय उलझता जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के तमाम एस डी एम,तहसीलदार, नायब तहसीलदार, आर आई संघ,पटवारी संघ लिपिक संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अतिरिक्त जिला प्रशासन के अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी धरना स्थल तहसील कार्यालय पहुंचकर अपना समर्थन दे रहे है। डिप्टी कलेक्टर संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने भी समर्थन देते हुए आरोपित वकीलों की गिरफ्तारी की मांग की है अन्यथा सोमवार से प्रदेश स्तर पर राजस्व मामले ठप्प कर देने की बात कही है। टूटी कलम
असमंजस में थाना प्रभारी अभिनवकान्त…तहसील कार्यालय में वकीलों द्वारा भृत्य,लिपिक,नायब तहसीलदार के साथ प्रमाणित रूप से मारपीट की गई।जिसके बाद से माहौल गर्मा गया। तहसीलदार के आदेश पर वकीलों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई एवँ उनकी गिरफ्तारी को लेकर राजपत्रित अधिकारी, कर्मचारी अड़े हुए है। जिसके लिए तहसीलदारों,एस डी एम का जत्था चक्रधरनगर थाने भी पहुंचा था।थानेदार ने 4 लोगो को अंदर आने की इजाजत दी गई।जिससे कुछ लोग असन्तुष्ट भी हुए। तेजतर्रार, शांत,शालीन,सभ्य,शिक्षित, समझे जाने वाले थानेदार अभिनवकान्त के लिए सरदर्दी बन गया है। तहसील कार्यालय में हुआ विवाद। एक तरफ राजपत्रित अधिकारी, कर्मचारी है तो दूसरी तरफ अधिवक्ता संघ है। एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई है पुलिस को दोनो को संतुष्ट करके कारवाई करना टेढ़ी खीर बन गई है क्योंकि पुलिस का सामना दोनो से ही होना है। अभिनवकान्त अपने कप्तान अभिषेक मीणा से मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई कर रहे है ताकि कहीं कोई चूक न हो जाये और दोनों पक्षो का विवाद पुलिस से न हो जाये।अगर ऐसा हो गया तो जिले में कानून व्यवस्था का जनाजा निकल जायेगा। टूटी कलम
अधिवक्ता संघ का विवाद जायज पर अप्रमाणित है…आगामी दिनों अधिवक्ता संघ का चुनाव होना है। इसलिए प्रत्याशी अधिवक्ता वोट पाने के जुगाड़ में बेसिर,अप्रमाणित बातों को लेकर भी हड़ताल करने की मंशा जाहिर कर रहे है। माना कि रायगढ़ तहसीलदार सुनील अग्रवाल रिश्वतखोर,घूसकर, भ्र्ष्टाचारी है परन्तु वकील के साथ कि गई काल्पनिक गाली गलौच,धक्कामुक्की, के कोई प्रमाण अधिवक्ताओं के पास नही है। जबकि वकीलों के द्वारा तहसील कार्यालय में की गई मारपीट के प्रमाण जिले के सभी मोबाईल फोन पर उपलब्ध हो चुके है। टूटी कलम
थाना चक्रधरनगर बना मीडिया का केंद्र…चूंकि सारा विवाद इस थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुआ है। इसलिए कभी अधिवक्ताओं का जत्था,तो कभी अधिकारियों का जत्था,तो कभी कर्मचारियों का दल थाना चक्रधरनगर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे है। वकीलों के द्वारा आरोपित वकीलों पर लगी एट्रोसिटी धारा हटाने की मांग तो प्रशासनिक अधिकारियों,कर्मचारियों के द्वारा आरोपित वकीलों की गिरफ्तारी की मांग के लिए थाना प्रभारी चक्रधरनगर से की जा रही है। थाना प्रभारी एवं पुलिस स्टाफ सुबह 09 बजे से ही दिनभर की मगजमारी के लिए पहुंच जा रहे है। न जाने किस समय कौन पहुंच जाए अपनी मांग एवँ रिपोर्ट दर्ज करवाने ? तथाकथित मीडिया वाले भी आंखे मलते,उबासी लेते,पिठ्ठू बैग टांगे सुबह से ही कचहरी,तहसील कार्यालय, कलेक्ट्रेट, थाना का चक्कर ब्रेकिंग न्यूज की आस में पहुंच जाते है कि शायद viwer में इजाफा हो जाये और दुकानदारी चल पड़े। टूटी कलम
और अंत मे …. झुकना अधिवक्ता संघ को ही पड़ेगा क्योंकि इनके पास तहसीलदार सुनील अग्रवाल कर खिलाफ केवल जुबानी जमा खर्च है जबकि दूसरी तरफ पूर्ण प्रमाणित सबूत है। तहसीलदार का तबादला एवँ आरोपित वकीलों का संघ से बहिष्कार, लाइसेंस निरस्तीकरण ही शायद इस एपिसोड का क्लाइमेक्स होगा । टूटी कलम
