टिल्लू शर्मा टूटी कलम रायगढ़… विधानसभा चुनाव के काउंटडाउन शुरू होते ही मीडिया का काउंटडाउन होना शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव के रूप में होने वाले पंचवर्षीय त्योहार पर मीडिया वाले काम आने का कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। जिसके लिए उनको अपनी कलम अपना जमीर तक क्यों ना बेचना पड़ जाए. पूर्व में युवती छेड़छाड़ के मामले में आरोपी की भरपूर छीछालेदार करने से बाज न आने वाले मीडिया वाले इन दोनों माइक आईडी लेकर उनका साक्षात्कार लेने बंगले पहुंचकर जी हजूरी करने में आगे चल रहे हैं और उनके कर्मचारियों के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों को प्रमुखता से न्यूज़ पोर्टल पर वायरल कर भारतीय भूत की लंगोटी सही की तर्ज पर 1000,500 ₹ लेकर चरण वंदना कर बेशर्मों के तरीके मुस्कुराते हुए अपनी गर्दन इधर-उधर घूमाते हुए चलेआते हैं।
कुछ माह पहले गुडेली,टिमरलगा में प्रदूषण फैलाकर वातावरण एवं प्राकृतिक जल संसाधन को विषैला करने वाले प्लांटो, क्रेशरो के विषय में जिला प्रशासन पर्यावरण विभाग को अवगत करवाया जाता था लेकिन अब चुनाव आते ही प्रदूषण फैलाने वाले वायु को जहरीली करने वालो को पर्यावरण प्रेमी बना दिए गए हैं। उनकी शान में इतनी शक्कर डाल कर चासनी घोली जाती है मानो उनसे बड़ा कोई पर्यावरण प्रेमी पूरे जिले भर में कोई नहीं होगा। और उस चासनी में खुद्दार कलमकार डामर के जैसे चिपकते जा रहे हैं। ये पब्लिक है बाबू ये सब जानती है कि उलटी गंगा बहने का कारण क्या हो सकता है। जब इतना विरोध करने वाले मीडिया वाले मैनेज किया जा सकते हैं तो छोटे-मोटे पोर्टल वालों को थोड़ा बहुत देकर अपनी गौशाला में लाना कोई बड़ी बात नहीं है।
कांग्रेसी होने का स्वांग रचकर राइस मिल की आड़ में चाहे कनकी बेच दो और गांवों की भजन मंडली में शामिल होकर फोटो ग्राफर साथ लेकर चलो तो आपकी शान में कसीदे काढ़ने वालो की कमी नहीं है। बस कुछ गांधी छाप कागज लिफाफे में देने होंगे जिसके बाद आपको चने के झाड़ पर इतना चढ़ा दिया जाएगा कि आप स्वयं को विधायक प्रत्याशी बनने के हसीन सपने देख सकते है। क्रमशः