❎जब जब कबाड़ पर कार्रवाई होगी तब तब दिवंगत पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा याद आएंगे❎
टूटी कलम रायगढ़– जब जब नये पुलिस कप्तान आते है तब तब जिले भर के थाना प्रभारी अपने आप को माइक वन की नजरों में अपने आप को तेज तर्रार,कर्तव्यनिष्ठ जतलाने का कार्य शुरू हो जाते है। पिछले दो साल से चैन की बंसी बजाने वाले अब सिटी बजाते दिख रहे है।थानों के सामने आसपास अवैध धंधे फलते फूलते है। मगर महज दिखावे के लिए 1 पेन 800 ₹ की सट्टा पट्टी, कबाड़ बीनने वालो की धर पकड़ कर थाना प्रभारी अपने थाना क्षेत्रों को अपराध मुक्त बतलाने की झूठी वाहवाही बंटोरते है। जिससे पुलिस के मुखबिर सक्रिय हो जाते है।
कौन है नाजिम ? कौन है अभय ? कौन है सिकंदर ? कौन है पल्लू ? कौन है मुन्ना-चुन्ना ? ये नाम लोहे,एल्मुनियम, तांबे जैसी वस्तुओं की कटिंग,छटिंग की खरीदी,बिक्री के लिए आम है परन्तु पुलिस इन पर कार्रवाई न कर वाहन चालक,खलासी पर ही कार्रवाई करती है। जो किसी भी रूप से न्यायसंगत नही माना जा सकता। जब तक गोदामो के मालिकों,खरीदी बिक्री करने वालो पर कार्रवाई नही होगी तब तक यह सेटिंग का खेल ही माना जायेगा इसके अतिरिक्त और कुछ नही ।
जब दिवंगत एस पी राहुल शर्मा ने करोड़पति कबाड़ी से ठेला खिंचवाया था ?—किसी समय दिवंगत एस पी राहुल शर्मा ने करोड़पति कबाड़ी किसी मुन्ना को पालीटेक्निक कालेज के सामने से ठेले में कबाड़ लोड करवाकर जिला न्यायालय तक अकेले को ठेला खिंचवाया था।उस दिन के बाद से मुन्ना ने कबाड़ के धंधे को किसी अन्य को सौप दिया था। यह मैकू की मौत का कारण था या पुराने जन्म का हिसाब किताब था यह तो दिवंगत लोग ही समझ पाएंगे।
पुलिस के संरक्षण में पूरा वीसा पावर,हेक्सा पावर आदि प्लांटों के सारे स्ट्रॉट्रेक्चर रातों रात कट कर बिकते रहे। खूब खून खच्चर सर फुटौवल हुआ परन्तु मामला थानों से बाहर नही निकला। करोड़ो रूपये के कबाड़ खप गए और पुलिस की कोई कार्रवाई नही हुई। यह कोई कम आश्चर्य नही है।
मामला खात्मा कर दिया गया मर्डर केस का — कुछ माह पूर्व एक जवान फल विक्रेता की संदेहास्पद में मृत्यु हो गई थी। जिसे मृतक के भाई ने जोर शोर से जांच करने की मांग उठाई थी। जिसे सेटलमेंट करने के लिए मृतक के भाई को अभय ने 35 लाख रुपये मुंह बंद करने के लिए दिए जाने की खबर है। पुलिस ने भी इस मामले में आगे कोई कदम बढ़ाए ही नही।
नाम कोतवाली,काम सब उप निरीक्षक का शहर में चार थाने है। जिनमे से 3 थानों में थाना प्रभारी निरीक्षक तो है परन्तु जूटमिल में उपनिरीक्षक ही कार्य सम्भाल रहे है जबकि यह थाना सबसे संवेदनशील माना जाता है। सकलकर्म इस थाना क्षेत्र में होते है परंतु किसी दमदार थाना प्रभारी का इस थाने में न होना बहुत चुगली करता है।