🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹 पूरे भारत में कोयला,बिजली, स्टील की वजह से रायगढ़ जिले को एक अलग पहचान मिली. 1989 में जिंदल घराने ने रायगढ़ के पतरापाली में जिंदल स्ट्रीप के नाम से उद्योग शुरू किया था. प्रचुर मात्रा में कोयले का भंडार मिलने की वजह से जिंदल ने स्ट्रिप को स्टील प्लांट का रूप दे दिया. जिस वजह से रायगढ़ शहर से लेकर 10 किलोमीटर आगे तक ब्यावन जंगल के स्थान पर मानव की बसाहट हो गई. सस्ता कोयला, सस्ते श्रमिक, सस्ते नेता,सस्ते टपोरी, आदि ने जिंदल को इतना समर्थन दे दिया की जिंदल ने तमनार,गेरवानी,केराझर,धनागार, जोरापाली,कलमी की तरफ पैर पसारने शुरू कर दिए,लोगों को पूंजीपथरा में इंडस्ट्रियल पार्क बनाकर स्वयं के उद्योग लगाने के लिए जगह दी गई. गेरवानी में नलवा प्लांट, तमनार में स्टील एवं पावर प्लांट लगा दिया गया. तब से लेकर अब तक रायगढ़ शहर के आसपास उद्योगों की बाढ़ आ गई.
केवल चंद रुपयों की खातिर किसी भी उद्योग की स्थापना एवं विस्तार के समय विरोध किया जाता है और लिफाफा मिलने पर विरोध बंद कर दिया जाता है. मुझे याद नहीं है कि आज तक किसी भी उद्योग की स्थापना एवं विस्तार का विरोध करने पर काम रोक दिया गया हो. अभी इन दिनों केलो स्टील एंड पावर लिमिटेड को लेकर विरोध किया जा रहा है. वही पुराने कारण प्रदूषण बीमारी आदि की समस्याओं को सामने लाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस प्लांट के मालिक का एक और प्लांट है और इसके मालिक बहुत ज्यादा जरूर से ज्यादा कंजूस किस्म का इंसान है. जो चंद रुपए देकर अपना उल्लू सीधा करवाना चाह रहा है. किसी भी उद्योग का विरोध शहर वासी एवं ग्राम वासियों के द्वारा नहीं किया जाता है. प्रत्येक उद्योगों के स्थापना विस्तार का विरोध बाहर से आ कर कुछ जाने पहचाने चेहरों के द्वारा किया जाता है. जो इनकी आय का साधन बन चुका है. कुछ लोगों के द्वारा पर्यावरण मंत्रालय, पर्यावरण विभाग,राजस्व विभाग,उद्योग विभाग,श्रम विभाग, वन मंडल, कलेक्ट्रेट के रोजाना चक्कर काटना दिनचर्या बन चुकी है. जहां से यह लोग उद्योगों के विषय में जानकारी एकत्रित कर स्वयं को क्रांतिकारी नेता बताते हुए. मोटा लिफाफा प्राप्त कर लेते हैं और चुप्पी साध लेते हैं. इन चेहरों को उद्योगों की ऑफिसो में अंदर जाते और बाहर निकलते देखा जा सकता है. जब अंदर जाते हैं तो ऐसा लगता है कि भीषण संग्राम की चेतावनी देने जा रहे हैं. मगर जब बाहर निकलते हैं तो इनके चेहरे खिले रहते हैं, और चेहरे पर मुस्कुराहट और चमक रहती है. यह तभी संभव होता है जब इच्छा अनुसार जेब में लिफाफा होता है.
आज रायगढ़ जिले को पूरे विश्व में स्टील एवं बिजली के उत्पादन के लिए जाना पहचाना जाता है. विदेश के लोग भी आकर कई उद्योगों में कार्य कर रहे हैं. उद्योगों के आने से शहर एवं जिले का विकास होना संभव है. उद्योगों से मिलने वाली सीएसआर मद की राशि से शहर का विकास किया जा सकता है बशर्ते प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों में विकास करने की भावना होनी चाहिए. आज ओपी जिंदल स्कूल, यूनिवर्सिटी में अपने बच्चों को शिक्षा दिलवाने के लिए ऊपरी पहुंच का इस्तेमाल किया जाता है. इसी तरह जिंदल हॉस्पिटल दूर दराज के रोगियों के लिए मददगार साबित हो रहा है.