🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹 अविभाजित रायगढ़ जिले के टिमरलगा,गुडेली क्षेत्र में जब अवैध खनन रोकने पहुंचे थे. सहायक कलेक्टर (ट्रेनी आईएएस अफसर) मयंक चतुर्वेदी और खनिज विभाग की टीम तो उनको जान से करने का प्रयास किया गया था. खनन माफिया अमृत पटेल को पुलिस ने ओडिशा से गिरफ्तार किया गया था.छत्तीसगढ़ पुलिस ने आरोपी को ओडिशा से पकड़ा था .वारदात के बाद करीब एक माह से आरोपी अमृत अलग-अलग राज्यों में छिपता फिर रहा था। सारंगढ़ क्षेत्र में अवैध खनन होता देख मौके पर पहुंचे आईएएस अफसर मयंक चतुर्वेदी को जेसीबी से कुचलने का प्रयास किया था।
1) कई मामले दर्ज फिर भी कार्रवाई नहीं, साथी को भी पुलिस ने पकड़ा
शहर के कोतरा रोड में गजानंदपुरम का रहने वाला अमृत पटेल कई सालों से सारंगढ़ टिमरलगा में पत्थरों की अवैध खदान चलाता था। सारंगढ़ के टिमरलगा, गुड़ेली इलाके में अवैध खनन की शिकायतों के बाद 11 अप्रैल की रात सहायक कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी माइनिंग की टीम के साथ जांच और कार्रवाई के लिए पहुंचे थे। दूर से खदान में काम होता देख चतुर्वेदी टीम के साथ वहां पहुंचे। यहां अमृत पटेल जेसीबी और अन्य वाहनों के साथ पत्थर की खुदाई और परिवहन में लगा था।
अमृत ने सहायक कलेक्टर चतुर्वेदी और डिप्टी डायरेक्टर माइनिंग एसएस नाग को देखा तो भड़क गया। वह गालियां देता हुआ जेसीबी से दोनों को कुचलने का प्रयास किया। अफसर वहां से हट गए और बड़ी मुश्किल से जान बचा पाए। हमले में डिप्टी डायरेक्टर नाग को चोट भी लगी। अफसरों ने पुलिस को बुलाया तब तक अमृत वहां से भाग निकला। आरोपी की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी। पुलिस ने आरोपी अमृत पटेल और उसके साथी कन्हैया पटेल को गुरुवार को कनकतुरा-रेंगालपाली में पकड़ने की बात कही।
शाम को प्रेस कांफ्रेंस करके मीडिया को आरोपी के गिरफ्तारी की जानकारी दी गई। पुलिस ने बताया कि आरोपी अमृत के हर लोकेशन की जानकारी थी लेकिन वह घेराबंदी करने से पहले ही वहां से भाग जाता था। उस पर खनिज अधिनियम के तहत पहले भी कई बार मामले दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि खनन माफिया अमृत का करीब 10 सालों से क्षेत्र में आतंक था।
रायगढ़ से पुरी में जाकर रुक गया। कुछ दिनों बाद भुवनेश्वर से बरगढ़। यहां से सड़क मार्ग से रायपुर। रायपुर से ट्रेन रूट से दिल्ली। दिल्ली से नेपाल। नेपाल के अलग-अलग गांवों में घूमने के बाद यहां से गोरखपुर। गोरखपुर से प्रयागराज। प्रयागराज से बिलासपुर। यहां से दोबारा पुरी। पुरी से भुवनेश्वर से नासिक से शिरडी। शिरडी से दोबारा नासिक। नासिक से रायपुर। इसके बाद बिलासपुर से कोलकाता। कोलकाता से भुवनेश्वर और यहीं से टीम ने इसका पीछा करते हुए बरगढ़ के रास्ते रेंगालपाली के पास पकड़ा।
ऐसा नहीं है कि अमृत पटेल अब माफिया बना है। उसके हौसले कई सालों से बुलंद हैं। दो साल पहले भी उसने कार्रवाई करने गई माइनिंग की टीम को बंधक बना लिया था। अवैध खनन और परिवहन उसकी आदत बन चुकी है। कई बार कार्रवाई हुई लेकिन पुलिस या प्रशासन ने कभी सख्ती नहीं दिखाई इसलिए हौसले इतने बढ़े कि अफसर को कुचलने की कोशिश कर दी। आरोपी के विरुद्ध सारंगढ़ में पहले से कई मामले दर्ज हैं