🔱टिल्लू शर्मा ✒️टूटी कलम 🎤 न्यूज 🌍 रायगढ़ छत्तीसगढ़ 🏹
सन 2011 में रायगढ़ कलेक्टर थे अमित कटारिया
रायगढ़ जिले वासी जिस अधिकारी को सबसे ज्यादा याद करते हैं और जिसके दोबारा आने की कामना करते हैं. राजनीति के जोर आजमाइश भी करते हैं परंतु शासकीय नियमावली की वजह से किसी भी तरह की पहुंच निवेदन काम नहीं आया. उस अधिकारी का नाम है अमित कटारिया, जिनके कार्यकाल के दौरान कस्बा रूपी रायगढ़ शहर छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों की गिनती में आ गया. आकर्षक व्यक्तित्व के धनी कड़क मिजाज कलेक्टर अमित कटारिया ने स्वयं खड़े होकर रायगढ़ शहर की सड़कों का चौड़ीकरण करवाया जिसके लिए पूरे शहर में व्यापक स्तर की तोड़फोड़ की गई थी. नगर पालिका निगम से परमिशन लेकर जिन लोगों ने कच्चे पक्के छज्जे निकाल कर निर्माण कर रखा था वह सब ढाह दिए गए. उस समय चौड़ीकरण की कार्रवाई का भरपूर विरोध हुआ परंतु अमित कटारिया के सख्त मिजाज होने से पक्ष विपक्ष के नेताओं की भी बोलती बंद रही.
तबादला के बाद याद रखे गए अमित कटारिया
कलेक्टर अमित कटारिया के तबादला होने पर लोगों ने खुशियां मनाई परंतु वह खुशी ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई, क्योंकि विकासशील रायगढ़ तेजी से विकास,विस्तार कर रहा था. जिस वजह से शहर में मानव,दो पहिया चार पहिया वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी और अमित कटारिया के द्वारा चौड़े किए गए मार्ग भी भीड़भाड़ की वजह से संकुचित हो गए.
शहर के चौक चौराहों पर लगने वाले यातायात जाम की वजह से लोग अमित कटारिया को याद करते हैं कि अगर वे कलेक्टर होते तो शायद शहर के चौक चौराहों को जाम से मुक्ति मिल सकती थी. अमित कटारिया रायगढ़ जिले के 42वें कलेक्टर थे.
9 वें नम्बर और 51वें नंबर पर आए हैं कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी
पूर्व कलेक्टर अमित कटारिया के तबादला होने के बाद रायगढ़ जिले में अब तक आठ कलेक्टर आकर जा चुके हैं. 9पदस्थ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी की 9पदस्थापना की गई है. आजादी से लेकर अब तक 50 कलेक्टर आकर जा चुके हैं और मयंक चतुर्वेदी 51वें नंबर के कलेक्टर है.
कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी का जीवन परिचय
मयंक चतुर्वेदी छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस है। उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने जॉब किया,फिर उसके बाद यूपीएससी क्रैक की। वर्तमान में मयंक चतुर्वेदी दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर हैं।
जन्म और शिक्षा:–
मयंक चतुर्वेदी छत्तीसगढ़ कैडर के 2017 बैच के आईएएस है। वे मूलतः उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर के रहने वाले हैं। मयंक चतुर्वेदी संयुक्त परिवार से आते हैं। उनके पिता का चार भाइयों का परिवार संयुक्त रूप से एक ही साथ रहता है।
मयंक का जन्म 28 जनवरी 1991 को हुआ। उनकी स्कूलिंग कानपुर से ही हुई। फिर उन्होंने प्रयागराज से इंजीनियरिंग करते हुए बीटेक की डिग्री ली। मयंक चतुर्वेदी खेलकूद में भी सक्रिय थे। बास्केटबॉल, फुटबॉल, क्रिकेट खेलों में उन्होंने कालेज का राज्य स्तर पर प्रतिनिधित्व किया था। साथ ही वे छात्र राजनीति में भी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान सक्रिय थे।
जॉब के साथ की तैयारी:–
मयंक चतुर्वेदी ने इंजीनियरिंग करने के बाद जॉब करना शुरू कर दिया। जॉब करने के साथ ही वह यूपीएससी की तैयारी में जुटे रहे। पर चयन नहीं होने के चलते उन्होंने जॉब छोड़कर तैयारी शुरू की। अंततः वे आईएएस के लिए चुने गए।
प्रोफेशनल कैरियर:–
मयंक चतुर्वेदी ने 28 अगस्त 2017 को आईएएस की सर्विस ज्वाइन की। लाल बहादुर शास्त्री प्रशिक्षण अकादमी से ट्रेनिंग खत्म करने के दौरान उनकी फील्ड ट्रेनिंग के लिए पहली पोस्टिंग सहायक कलेक्टर के तौर पर रायगढ़ जिले में हुई। फिर उनकी पोस्टिंग गौरेला– पेंड्रा– मरवाही जिले में एसडीएम पेंड्रारोड़ अनुविभाग रहे। वहां अपर कलेक्टर भी रहे। इसके बाद धमतरी जिला पंचायत सीईओ रहे। धमतरी के बाद राजधानी रायपुर के नगर निगम आयुक्त रहे। रायपुर के बाद वे दंतेवाड़ा रहे मयंक वर्तमान में रायगढ़ कलेक्टर है।
जीवन साथी:–
मयंक चतुर्वेदी ने कॉलेज में अपने साथ पढ़ने वाली 10 साल पुरानी दोस्त से शादी की है। मयंक की जीवन संगिनी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस ब्रांच से इंजीनियरिंग करने के बाद कार्पोरेट कंपनी में जॉब करती हैं। मयंक को गजल लिखने व सुनने का भी शौक है।